विनायक, शरद और पलक से प्रताड़ित हो भय्यू महाराज ने की थी आत्महत्या
मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में बुधवार से सत्र न्यायालय में गवाहों के बयान शुरू हुए।
इंदौर, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के इंदौर में भय्यू महाराज आत्महत्या मामले में बुधवार से सत्र न्यायालय में गवाहों के बयान शुरू हुए। पहली गवाह के रूप में महाराज की बड़ी बहन मधुमिता ने न्यायालय में कहा कि महाराज को विनायक, शरद और पलक प्रताड़ित करते थे। इन आरोपितों की वजह से ही घटना हुई है। आरोपितों की तरफ से गवाह का प्रति परीक्षण पूरा नहीं हो सका। मामले में गुरुवार को भी सुनवाई होगी। गुरुवार को ही महाराज की छोटी बहन अनुराधा के बयान होंगे। वे बयान देने के लिए पुणे से इंदौर आई हैं।
गौरतलब है कि 12 जून 2018 को भय्यू महाराज ने कनपटी पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के करीब छह-सात महीने बाद पुलिस ने महाराज के खास रहे विनायक, पलक और शरद के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था। इसके बाद से आरोपित जेल में हैं।
कोर्ट में मधुमिता ने दिए बयान
अभियोजन ने प्रकरण में दो दर्जन से ज्यादा गवाहों की सूची प्रस्तुत की है, लेकिन गवाहों के उपस्थित नहीं होने से बयान नहीं हो पा रहे थे। बुधवार को मधुमिता ने बयान दिए। अभियोजन की तरफ से शासकीय अभियोजक विमल मिश्रा, आरोपित पलक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता अविनाश सिरपुरकर, आरोपित विनायक की तरफ से अधिवक्ता इमरान कुरैशी व आशीष चौरे और आरोपित शरद की तरफ से अधिवक्ता धर्मेद्र गुर्जर उपस्थित हुए।
मिश्रा ने बताया कि मधुमिता ने अपने बयान में बताया है कि महाराज सबसे ज्यादा भरोसा विनायक पर करते थे। महाराज तीनों आरोपितों की प्रताड़ना से पीड़ित थे। महाराज के बीमार होने पर तीनों आरोपित ही उन्हें दवाई देते थे। आरोपितों की प्रताड़ना से परेशान होकर ही महाराज ने यह कदम उठाया था। आरोपितों की तरफ से प्रतिपरीक्षण शुरू हुआ, जो अधूरा रहा।
केस डायरी पेश नहीं
वकील सिरपुरकर और गुर्जर ने कोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किया। इसमें 12 जून 2019 को आरोपितों की तरफ से एक आवेदन प्रस्तुत कर निवेदन किया गया था कि प्रकरण में जांच के दौरान दर्ज हुए गवाहों के बयानों की कॉपी कोर्ट में बुलवाई जाए। आठ अगस्त 2019 को कोर्ट ने इस संबंध में आदेश भी दिया था। बावजूद इसके दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। बुधवार को भी केस डायरी नहीं प्रस्तुत की गई। कोर्ट ने आवेदन स्वीकारते हुए गुरुवार को केस डायरी प्रस्तुत करने के आदेश दिए।