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मध्य प्रदेश में गांवों ने दिखाई शहर को राह, जानिए कैसे 10 गुना गिर गई कोरोना की संक्रमण दर

शिवपुरी जिले के गांव सालोन चितारा मोहनपुरा सीहोर छपरा आदि में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। यहां ग्राम पंचायतों ने बाहरी व्यक्तियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया। सब घरों में रहे और सरपंच से लेकर सचिव तक लोगों को जागरूक करते रहे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 25 May 2021 08:26 PM (IST)Updated: Tue, 25 May 2021 08:26 PM (IST)
ग्वालियर अंचल में स्थित शिवपुरी जिले के गांवों ने दिखाई अभूतपूर्व समझदारी

अभिषेक शर्मा, ग्वालियर। आमतौर पर माना जाता है कि शहर ही गांवों को आगे बढ़ने या संकट से बचने का रास्ता दिखाते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कुछ सचेत और चैतन्य गांवों ने अपने शिवपुरी शहर को संक्रमण से बचने का रास्ता दिखाया। अप्रैल माह में एक समय ऐसा था, जब शिवपुरी मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संक्रमण दर (45 फीसद) वाला जिला बन गया था। तब करीब 200 से अधिक गांवों को चारों तरफ से सील कर लिया। न कोई बाहर गया, न किसी को गांव में आने दिया। नतीजतन गांवों में संक्रमण दर तेजी से कम हुई। यह देख प्रशासन ने गांव का यही माडल शहर में लागू किया गया। इससे शहर में भी एक सप्ताह में संक्रमण दर गिरने लगी, जो दो-तीन सप्ताह में एकदम नीचे आ गई। अब शिवपुरी में संक्रमण दर पांच फीसद से भी कम है।

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गांवों ने ऐसे रोका संक्रमण

शिवपुरी जिले के गांव सालोन, चितारा, मोहनपुरा, सीहोर, छपरा आदि में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला। यहां ग्राम पंचायतों ने बाहरी व्यक्तियों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया। सब घरों में रहे और सरपंच से लेकर सचिव तक लोगों को जागरूक करते रहे। पंचायत ने हर घर में काढ़ा बांटा। सालोन की सरपंच गुड्डी बाई बताती हैं, अंतिम संस्कार में भी बाहरी रिश्तेदारों पर प्रतिबंध लगा दिया। स्वेच्छा से लोगों ने शादियां भी स्थगित कर दीं।

45 से पांच फीसद पर आई संक्रमण दर

शिवपुरी प्रशासन ने गांवों के माडल को अपनाते हुए शहर के सभी प्रवेश मार्गो को बंद किया। ग्वालियर, गुना, श्योपुर, झांसी की ओर एंबुलेंस, आक्सीजन टैंकर के लिए सिर्फ मुख्य मार्ग खुला रखा। इन पर भी पुलिस का पहरा बैठा दिया। इससे संक्रमण दर गिरने लगी। यह 45 फीसद से गिरकर अब पांच फीसद से भी कम पर आ गई है। -

शिवपुरी के कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि जिस समय शहर में संक्रमण अधिक था तब ग्रामीणों के शहर आने पर गांवों में भी संक्रमण पहुंचने का खतरा था। इसलिए मुख्य रास्तों को रोका गया। यह फैसला संक्रमण रोकने में मददगार साबित हुआ। ग्रामीणों ने स्वयं को गांवों में रोककर खुद को सुरक्षित रखने में कामयाबी हासिल की। यही बात फिर शहरी क्षेत्र पर भी लागू हुई।


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