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Vikas Dubey Encounter: गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे, जानें पूरा घटनाक्रम

Vikas Dubey Encounter उज्जैन से कानपुर लाते समय भागने की कोशिश कर रहे विकास दुबे को एसटीएफ में मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:24 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:33 PM (IST)
Vikas Dubey Encounter: गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे, जानें पूरा घटनाक्रम
Vikas Dubey Encounter: गिरफ्तारी के 24 घंटे के अंदर मारा गया गैंगस्टर विकास दुबे, जानें पूरा घटनाक्रम

नई दिल्ली, जेएनएन। कानपुर में 2 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) गिरफ्तारी के महज 24 घंटे के अंदर मारा गया है। उज्जैन से कानपुर लाते समय भागने की कोशिश कर रहे मोस्ट वांटेड विकास दुबे को एसटीएफ में मुठभेड़ में ढ़ेर कर दिया। इस दौरान पुलिस के चार जवान भी घायल हुए हैं।

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जानकारी के मुताबिक जिस गाड़ी से पुलिस विकास दुबे कानपुर ला रही थी, रास्ते में वो दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर विकास ने भागने की कोशिश की। साथ ही उसने घायल पुलिसकर्मी से पिस्टल भी छीन ली।  मौके पर एसटीएफ के साथ विकास दुबे की मुठभेड़ शुरू हुई और गोली लगने से उसकी मौत हो गई।

गिरफ्तारी के बाद से अबतक क्या-क्या हुआ?

- कानपुर कांड के बाद देशभर में सुर्खियों में आए विकास दुबे को कई राज्यों की पुलिस बीचे 6 दिनों से तलाश कर रही थी। गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था।

- मध्य प्रदेश पुलिस ने दुबे के साथ दो वकीलों और शराब कंपनी के मैनेजर के साथ ही चार अन्य को भी हिरासत में लिया।

- विकास दुबे गुरुवार सुबह करीब 7.45 बजे महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंचा था और मंदिर में प्रवेश की व्यवस्था के बारे में दुकानदार के जानकारी ली।

-  मंदिर दर्शन के लिए उसने 250 रुपये की रसीद भी कटवाई। प्रवेश के दौरान मंदिर के गार्ड को शक होने पर उसे पकड़कर पुलिस चौकी लाया गया।

- पुलिस की गिरफ्त में आने पर वो जोर जोर से चिल्ला रहा था कि मैं विकास दुबे हूं..कानपुर वाला।

-उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अधिकारी गुरवार शाम को उज्जैन पहुंचे थे। इस पर विकास दुबे को कानपुर पुलिस को सौंप दिया।

- गुरुवार रात करीब 9:30 बजे उत्तर प्रदेश पुलिस का काफिला उसे सड़क मार्ग से ले गया। उज्जैन से भी सुरक्षाबलों को साथ भेजा गया।

- शुक्रवार सुबह एसटीएफ की गाड़ी पलटने की सूचना आई। बताया गया कि अपराधी विकास दुबे ने पुलिस की पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की।

- पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेर कर आत्मसमर्पण कराने के लिए कहा। विकास ने पुलिस पर जवाबी फायरिंग की और मुठभेड़ में मारा गया।

- लाला लाजपत राय अस्पताल में विकास दुबे का शव लाया गया। उसे 4 गोली लगी थी। 3 गोली सीने में और एक गोली हाथ में लगी थी।

विकास से पहले 5 लोगों का एनकाउंटर

अब तक पुलिस और एसटीएफ ने विकास दुबे के पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया है। विकास दुबे के गुर्गे और 50-50 हजार के इनामी प्रभात मिश्र और उआ बउर्फ प्रवीन दुबे पुलिस ने गुरुवार को ढेर कर दिया। इससे पहले एसटीएफ ने विकास के भतीजे अमर दुबे मौदहा को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। तीन जुलाई को पुलिस ने विकास दुबे के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और चचेरे भाई अतुल दुबे को मार गिराया था।

पुलिस टीम पर हमला

कानपुर जिला मुख्यालय से करीब 38 किमी दूर चौबेपुर थाना क्षेत्र के गांव बिकरू में गत शुक्रवार की रात को विकास दुबे को पकड़ने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी। इस दौरान कुख्यात विकास और उसके साथियों ने हमला कर दिया था, जिसमें सीओ, एसओ सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। सूबे में यह पहली बार था,जब इतनी बड़ी संख्या में पुलिस वाले बलिदान हो गए थे।


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