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विजय माल्या के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल में बैरक तैयार, मिलेंगी ये सुविधाएं

भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को अगर वेस्टमिनिस्टर कोर्ट से प्रत्यर्पण की इजाजत मिल गई है लेकिन अब भी उसका प्रत्यर्पण आसान नहीं होगा। प्रत्यर्पण हुआ तो जेल में मिलेंगी ऐसी सुविधाएं।

By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 02:52 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 06:49 AM (IST)
विजय माल्या के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल में बैरक तैयार, मिलेंगी ये सुविधाएं
विजय माल्या के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल में बैरक तैयार, मिलेंगी ये सुविधाएं

मुंबई, प्रेट्र। भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये लेकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या के लिए मुंबई के आर्थर रोड जेल में उच्च सुरक्षित बैरक तैयार रखी गई है।

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 किंगफिशर एयरलाइन्स का पूर्व कर्ताधर्ता 62 वर्षीय माल्या पिछले साल अप्रैल में एक प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर है। जेल के एक अधिकारी ने कहा कि अगर माल्या को भारत लाया जाता है तो उसे जेल परिसर के अंदर दो-मंजिला इमारत में स्थित एक उच्च सुरक्षा वाली बैरक में रखा जाएगा। जेल के इसी हिस्से में 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के दोषी अजमल कसाब को रखा गया था।

अधिकारी ने यह भी कहा कि जेल प्रशासन माल्या को यहां अपने सुधार केंद्र में सुरक्षित रखने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। अगर माल्या को यहां लाया जाता है तो हम उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।

अधिकारी ने बताया कि चिकित्सकीय आपात स्थिति में माल्या को बैरक से लगे चिकित्सा केंद्र में इलाज के लिए ले जाया जा सकता है जहां कैदियों के प्राथमिक उपचार के लिए डॉक्टर और अन्य कर्मचारी होते हैं। अधिकारी के अनुसार, उच्च सुरक्षा वाली बैरक अन्य कोठरियों से अलग हैं। इनमें लगातार सीसीटीवी की निगरानी होती है और अत्याधुनिक हथियारों के साथ सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।

जेल की बैरक नं. 12 में नहीं होगी परेशानी : कोर्ट
वेस्टमिंस्टर कोर्ट की मुख्य मजिस्ट्रेट ने भारतीय जेलों की दुर्दशा का हवाला देकर माल्या के वकीलों द्वारा मानवीय आधार पर प्रत्यर्पण नहीं करने का बहाना नहीं माना। मजिस्ट्रेट ने कहा, 'मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12, जहां माल्या को रखा जाएगा, का वीडियो हमने देखा है। वीडियो में बैरक की सही स्थिति पता चली है। उसे हाल ही में फिर से सजाया गया है। वहां माल्या को डायबिटीज व हार्ट की बीमारी की मेडिकल केयर मुहैया कराई जाएगी। जेल में माल्या को परेशानी होगी, यह दलील मानने का कोई आधार नहीं है। 

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने पहले कहा था कि मुंबई की आर्थर रोड जेल दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कारावासों में से एक है। अधिकारी का यह बयान तब आया था जब ब्रिटेन ने भारतीय अधिकारियों से आर्थर रोड जेल का एक वीडियो भेजने को कहा था जहां माल्या को प्रत्यर्पण के बाद रखने की योजना है। केंद्र सरकार ने भी आर्थर रोड जेल में कैदियों की सुरक्षा व्यवस्था का आकलन कर यूके सरकार को उसकी जानकारी दे दी थी।

किनको रखा गया है बैरक नंबर 12 में
बैरक नंबर 12 में फिल्म अभिनेता संजय दत्त, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री छगन भुजबल, शीना बोरा मर्डर केस के आरोपी पीटर मुखर्जी और 26/11 आतंकी हमले के एक मात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब को बंद किया जा चुका है। फिलहाल यहां पीटर मुखर्जी बंद हैं। लंदन कोर्ट में सरकार की तरफ से दावा किया गया कि इस सेल में साफ हवा, रोशनी और आंगन की भी व्यवस्था है।

जेल में हैं ये व्यवस्थाएं
प्राकृतिक हवा और रोशनी पर माल्या के सवाल के जवाब में जेल अधिकारियों ने कहा कि हर सेल में एक खिड़की होती है, वहीं क्रॉस वेटिंलेशन के लिए सामने की दीवार पर सलाखें होती हैं। बैरक 12 में आंगन है, जिससे कैदियों को सूर्य की सीधी रोशनी मिलती है।

बैरक नंबर 12 के सभी सेल सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में है। यहां सेल के अंदर और बाहर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी पहरेदारी देते हैं। बैरक नंबर 12 में अमूमन हाई प्रोफाइल कैदियों को रखा जाता है, जिसे खतरे का सामना करना पड़ सकता है या जो दूसरों के लिए खतरा हो सकता है। वैसे बैरक की हर सेल में आमतौर पर 10 से 15 कैदियों को रखा जाता है। हालांकि, मुंबई के ऑर्थर रोड जेल की बैरक 12 जैसी स्पेशलाइज्ड सेल में एक ही कैदी को रखा जाता है, जो आमतौर पर कोई हाई प्रोफाइल व्यक्ति या खतरनाक अपराधी होता है।

इस बैरक की संरचना ग्राउंड प्लस वन की है, जिसमें हर फ्लोर पर आठ सेल बने हुए हैं। सभी सेल के अंदर अलग-अलग अटैच टॉयलेट, कपड़े धोने की जगह और खुले आंगन की व्यवस्था है। आम कैदियों के सेल में भारतीय शैली के शौचालय हैं, लेकिन बैरक 12 के सेल में कमोड की व्यवस्था है।

कैदियों को एक गद्दा, एक तकिया और एक बेडशीट दी जाती है। भोजन करने के लिए मेलामाइन ग्लास, एक प्लेट और दो कटोरी दी जाती हैं। जेल में मेलामाइन बर्तनों को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि कैदी अन्य कैदियों या जेल कर्मचारियों पर हमला न करे या खुद पर भी हमला न कर सकें।

कैदियों को चार बार मिलता है खान-पान
कैदियों की 24 घंटे में चार बार खान-पान उपलब्ध कराया जाता है। सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच नाश्ता दिया जाता है, दोपहर में भोजन दिया जाता है, शाम में 4.30 बजे के करीब स्नैक्स दिया जाता है और शाम में 7 बजे रात का भोजन दिया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देश के मुताबिक कैदियों का भोजन बनाया जाता है। पुरुष कैदियों को प्रति दिन 2320 से 2730 कैलोरी और महिला कैदियों को 1900 से 2830 कैलोरीयुक्त खाना दिया जाता है।


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