आंबेडकर विश्वविद्यालय की कुलपति पर फर्जी एनओसी से पद पाने का आरोप
मध्य प्रदेश में इंदौर जिले के महू स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर सामाजिक विश्वविद्यालय का कुलपति पद पाने के लिए डॉ. आशा शुक्ला द्वारा फर्जी दस्तावेज दिए जाने का मामला सामने आया है।
भोपाल, जेएनएन। मध्य प्रदेश में इंदौर जिले के महू स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर सामाजिक विश्वविद्यालय का कुलपति पद पाने के लिए डॉ. आशा शुक्ला द्वारा फर्जी दस्तावेज दिए जाने का मामला सामने आया है। इसके लिए उन्होंने भोपाल के बरकतउल्ला विवि (बीयू) के तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. यूएन शुक्ला के फर्जी हस्ताक्षर से जारी अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) का इस्तेमाल किया था। इसका राज बीयू के तत्कालीन रजिस्ट्रार रहे डॉ. शुक्ला के भोपाल की बागसेवनिया थाने की पुलिस को दिए बयान से उजागर हुआ है। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन 'नईदुनिया' के पास डॉ. शुक्ला के बागसेवनिया पुलिस को दिए गए बयान की प्रति मौजूद है।
बागसेवनिया पुलिस ने कुलपति डॉ. आशा शुक्ला को नोटिस जारी कर तलब भी किया है। बयान के आधार पर कुलपति डॉ. शुक्ला के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज तैयार करके उसके उपयोग करने का मामला दर्ज किया जा सकता है। संविदा पर थीं, बताया नियमित प्रोफेसरडॉ. आशा शुक्ला बीयू के महिला अध्ययन केंद्र में संविदा के आधार पर पदस्थ थीं, लेकिन उन्होंने खुद को बीयू की नियमित प्रोफेसर बताते हुए कुलपति बनने के लिए राजभवन में आवेदन किया था। आवेदन के साथ ही बीयू की फर्जी एनओसी भी लगा दी। दिसंबर 2018 में राजभवन ने उनकी नियुक्ति कुलपति पद पर कर दी। इसे लेकर भोपाल के अधिवक्ता अजय त्रिपाठी ने राजभवन से लेकर बागसेवनिया थाने तक शिकायत की।
कोई एनओसी जारी नहीं की
डॉ. शुक्ला बागसेवनिया पुलिस ने मामले में बीयू के तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ. यूएन शुक्ला को नोटिस जारी कर तलब किया। उन्होंने पुलिस को दिए बयान में बताया कि उन्होंने कोई प्रमाणपत्र या एनओसी जारी नहीं की है। इसी आधार पर बागसेवनिया पुलिस ने मामले में कुलपति डॉ. आशा शुक्ला को नोटिस जारी कर तलब किया है।
नहीं मिला है नोटिस
डॉ आंबेडकर विवि महू, इंदौर की कुलपति -डॉ. आशा शुक्ला ने बताया कि बागसेवनिया थाना महू से बहुत दूर है, इस वजह से अब तक मुझे नोटिस नहीं मिला है। जब आएगा तो इस संबंध में बात की जाएगी। वैसे भी मेरे द्वारा लगाए गए सभी दस्तावेज पूरी तरह सही हैं।
अधिवक्ता भोपाल अजय त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. शुक्ला फर्जी दस्तावेज का उपयोग कर कुलपति बनी हैं। मामले में राजभवन और बागसेवनिया पुलिस को शिकायत की थी। डॉ. शुक्ला के खिलाफ सारे सुबूत मिल गए हैं। फिर भी मामला दर्ज करने में देरी की जा रही है। वीरेन्द्र सेन, जांच अधिकारी बागसेवनिया थाना, भोपाल ने बताया कि कुलपति डॉ. शुक्ला के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। मामले की जांच चल रही है। जांच के दौरान कुछ अहम सुबूत मिले हैं। इस आधार पर उन्हें नोटिस देकर तलब किया गया है।