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1965 व 1971 के युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों को मिलेगी पेंशन, सरकार ला रही प्रस्ताव

भारतीय सेना ने 1965 और 1971 की लड़ाई में हिस्सा ले चुके सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को भी स्वतंत्रता सेनानियों की तरह विशेष पेंशन देने का प्रस्ताव किया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 10:45 PM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 10:45 PM (IST)
1965 व 1971 के युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों को मिलेगी पेंशन, सरकार ला रही प्रस्ताव
1965 व 1971 के युद्ध में शामिल पूर्व सैनिकों को मिलेगी पेंशन, सरकार ला रही प्रस्ताव

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय सेना ने 1965 और 1971 की लड़ाई में हिस्सा ले चुके बुजुर्ग सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को भी स्वतंत्रता सेनानियों की तरह विशेष पेंशन देने का प्रस्ताव किया है। मंगलवार को सशस्त्र बल वेटरन डे के मौके पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवने ने यह बात कही। इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि देश सशस्त्र बलों का हमेशा कर्जदार रहेगा, उनके चलते ही देश आज सुरक्षित और संगठित है।

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सेना प्रमुख ने कहा कि रक्षा मंत्रालय को कुछ प्रस्ताव भेजे गए हैं। इनमें 1965 और 1971 की लड़ाई में हिस्सा लेने वाले इमरजेंसी कमीशंड और शॉर्ट टर्म कमीशंड अधिकारियों को स्वतंत्रता सेनानी सम्मान पेंशन योजना की तरह ही विशेष पेंशन देने का प्रस्ताव शामिल है।

इमरजेंसी कमीशंड और शॉर्ट टर्म कमीशंड अधिकारी, वो अधिकारी हैं जिन्हें लड़ाई के दौरान सैन्य अफसरों की कमी के चलते भर्ती किया गया था। इन अधिकारियों को पेंशन नहीं मिलता क्योंकि पेंशन के लिए जरूरी समय तक ये नौकरी नहीं करते।

जवान का कल्याण भी हमारी प्राथमिकता

सेना प्रमुख ने कहा कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी हमारे जवान और अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों में अपने-अपने तरीके से राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रहे हैं इसलिए इनका कल्याण भी हमारी प्राथमिकता है। पिछले साल भी सेना ने इस दिशा में कदम उठाते हुए 250 अधिकारियों और 11,500 जेसीओ को रिटायरमेंट के बाद नौकरी दिलाने में मदद की थी। जनरल नरवने कहा कि हम महिलाओं को भी बड़ी संख्या में सेना में शामिल कर रहे हैं। कुल 1700 वाहिनी सेना में शामिल की जाएंगी। इस साल बीते छह जनवरी से 101 महिलाओं का प्रशिक्षण शुरू किया जा चुका है।

बहादुर जवानों के चलते देश सुरक्षित

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यदि आज भारत सुरक्षित है तो ना केवल इसकी सीमाएं सुरक्षित हैं बल्कि देश की एकता भी सुरक्षित है और इसका श्रेय आप जैसे बहादुर लोगों को जाता है, जो हमारे देश के सशस्त्र बल के जवान हैं। उन्होंने कहा कि देश हमेशा अपने बहादुर जवानों का ऋणी रहेगा। बता दें कि जयपुर में आयोजित वेटरन डे समारोह में रक्षा मंत्री और सैन्य प्रमुखों के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत भी शामिल हुए।

सशस्त्र बलों के प्रति फैले भ्रम को दूर करें पूर्व सैनिक

इस मौके पर नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह ने जवानों से कहा है कि समाज में अर्जित किए गए सम्मान का इस्तेमाल करें और अगर कोई गलतफहमी समाज में फैल रही है तो अपनी सेवाओं की सकारात्मक तस्वीर पेश करें। उन्होंने कहा कि आज सूचनाओं का जमाना है, कुछ अच्छी होती हैं तो कुछ गलत बातें भी सोशल मीडिया पर शेयर की जाती हैं।

फील्ड मार्शल करियप्पा के सम्मान में वेटरन डे

बता दें कि भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ रहे फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में 14 जनवरी को सशस्त्र बल वेटरन डे मनाया जाता है।


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