वेंकैया नायडू बोले, भारत की आत्मनिर्भरता की अवधारणा अति-राष्ट्रवादी और संरक्षणवादी नहीं
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें हर नागरिक की उद्यमी प्रतिभा और तकनीकी कौशल पर ध्यान देना चाहिए।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आत्मनिर्भर देश बनने के लिए महात्मा गांधी की अवधारणा को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की आत्मनिर्भरता की अवधारणा अति-राष्ट्रवादी और संरक्षणवादी नहीं है, बल्कि वैश्विक कल्याण में एक महत्वपूर्ण भागीदार बनने के लिए है। उन्होंने आने वाले समय में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवाओं की प्रतिभा का संरक्षण करने पर जोर दिया।
नायडू ने कहा कि हमें हर नागरिक की उद्यमी प्रतिभा और तकनीकी कौशल पर ध्यान देना चाहिए। स्थानीय संसाधनों का उपयोग करआत्मनिर्भरता हासिल करनी चाहिए। साथ ही बड़े पैमाने पर मानवता की सेवा भी करनी चाहिए।
महात्मा गांधी के विचारों की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह आज भी हमारे लिए प्रकाश पुंज हैं, क्योंकि वह ऐसे प्रवर्तक थे जिन्होंने हमेशा आविष्कार किए। उप राष्ट्रपति ने सामाजिक उत्थान के लिए गांधी के दर्शन के प्रसार और भूदान आंदोलन में आचार्य विनोबा भावे के योगदान पर गुरुवार को आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं।
समाज की सोच बदलने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत
वहीं, कुछ दिन पहले ही उप राष्ट्रपति नायडू ने सरकार के अभियान 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का निश्चित रूप से गहरा प्रभाव पड़ने का जिक्र करते हुए कहा था कि समाज की सोच को बदलने के लिए अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है। 'भेदभाव बंद करें, महिलाओं को सशक्त बनाएं' शीर्षक से लिखी अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि भारत की पचास फीसद जनसंख्या महिलाओं की है। इसलिए देश की प्रगति तब तक नहीं हो सकती जब तक कि उन्हें सभी क्षेत्रों में बराबर के अवसर नहीं दिए जाते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने सभी से आग्रहपूर्वक कहा था कि हमें अपने कामकाज में दिखाना होगा कि अब देश में लैंगिक भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से जोर देकर कहा था कि हमारी संसद और विधानसभाओं में लंबे समय से उनके लिए आरक्षण का प्रस्ताव लंबित है। उन्होंने आर्थिक समानता के लिए महिलाओं को संपत्ति के समान अधिकार को भी हरेक जगह लागू करने को कहा था।