पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की चिंता छोड़िए, इसके लिए सरकार के पास है एक खास योजना
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि आने वाला समय इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का होगा।
भोपाल (नईदुनिया)। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया-नवदुनिया फोरम के तहत एक ऐसा मंच सजा, जिसमें सरकार और जनता ने एक साथ बैठकर देश-प्रदेश के वर्तमान को देखा-समझा और भविष्य की योजनाओं पर बात की। चार बड़े मुद्दों पर मंथन किया गया।
फोरम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आने वाला समय इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का होगा। पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता खत्म कर परिवहन को एथनॉल से चलाने की कवायद शुरू हो गई है। दो कंपनियों ने तो इस तरह की गाड़ियां भी तैयार कर ली हैं। मेट्रो की लागत ज्यादा आ रही है, इसलिए इंदौर जैसे शहरों को इस पर नहीं जाना चाहिए। सड़क मार्ग के बजाय अब जल मार्ग पर भी ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि यह सबसे सस्ता माध्यम है। गडकरी ने कहा कि सरकार के पास न पैसे की कमी है और न ही पानी की। केवल नियोजन में परेशानी है, जिसकी वजह से कुछ दिक्कतें हैं। इसे दूर करने के लिए अब तेजी से रिसर्च करने की जरूरत है।
स्वागत भाषण देते हुए जागरण प्रकाशन लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महेंद्र मोहन गुप्त ने कहा कि बीते 14 वर्षों में मप्र ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। विकास के बूते ही शिवराज सिंह लगातार मुख्यमंत्री बने हैं। प्रदेश में स्वच्छता में भी उल्लेखनीय कार्य हुए हैं, तभी इंदौर एक और भोपाल दो नंबर पर है। फोरम के शुभारंभ अवसर पर नर्मदा विकास यात्रा पर आधारित 'हर हर नर्मदे' तथा प्रदेश की खेती पर आधारित 'कृषि कर्मण' कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण भी किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, दैनिक जागरण समूह के प्रबंध संपादक तरुण गुप्त एवं वरिष्ठ कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
हमारे पास विकास का पूरा रोडमैप तैयार है : शिवराज
फोरम की शुरुआत में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमें विरासत में गड्ढे वाली सड़कें और अंधेरे में डूबा हुआ प्रदेश मिला था। हमने इन्हीं सड़कों को शानदार राजमार्गों में तब्दील किया। शहरों और गांवों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराई। सिंचाई का रकबा बढ़ा। साढ़े सात लाख हेक्टेयर में होने वाली सिंचाई को हमने 40 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया। अगले पांच वर्षो में इसे 80 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाना है। गेहूं-चने का बंपर उत्पादन हुआ। अधोसंरचना के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया। इसके बाद भी अभी विकास की ढेरों संभावनाएं हैं, जिसका रोडमैप तैयार है।
पंजाब में लोग मध्यप्रदेश का आटा खोजते हैं: सिंह
दूसरे सत्र में मध्य प्रदेश की कृषि उत्पादकता और गेहूं की तारीफ करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि पंजाब में लोग दुकानों पर मध्यप्रदेश का आटा खोजते हैं। जैविक खेती को लेकर प्रदेश में काफी काम हुआ है और कई किसानों ने सफलता की कहानियां लिखी हैं। भंडारण के मामले में भी मध्यप्रदेश की स्थिति काफी बेहतर है।
गरीबों और गांवों के भले के लिए काम कर रही सरकार : तोमर
तीसरे सत्र में केंद्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास व खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार विभिन्न जनहितैषी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन कर रही है। आयुष्मान भारत योजना से 10 करोड़ परिवार कवर होंगे। यानी कुल 50 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा मिलेगा। जन-धन योजना में साल भर में 31 करोड़ गरीब के खाते खोले। मनरेगा में 10 करोड़ के खाते आधार से लिंक हैं। 96 प्रतिशत मजदूरों को उनके अकाउंट में मनरेगा का भुगतान हो रहा है। यदि जन-धन न होता तो मनरेगा भी दलालों और भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं हो पाता।