वेटिकन ने खारिज की आंदोलनकारी नन लुसी कलापुरा की दूसरी अपील
कुछ महीने पहले एफसीसी और ओरिएंटल चर्चेज इन वेटिकन (OCV) ने लुसी की पहली याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने खुद को पद से हटाए जाने संबंधी आदेश को चुनौती दी थी।
कोच्चि, प्रेट्र। एक नन से दुष्कर्म के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ आंदोलन में शामिल रही केरल की नन लुसी कलापुरा के पद से हटाए जाने संबंधी आदेश के खिलाफ दाखिल दूसरी याचिका भी वेटिकन ने खारिज कर दी है। फ्रांसिस्कन क्लैरिस्ट कांग्रेगैशन (FCC) ने नन लुसी की जीवनशैली को चर्च के नियमों का उल्लंघन बताते हुए जवाब मांगा था। बाद में उन्हें पद से हटा दिया गया था।
कुछ महीने पहले एफसीसी और ओरिएंटल चर्चेज इन वेटिकन (OCV) ने लुसी की पहली याचिका खारिज कर दी थी, जिसमें उन्होंने खुद को पद से हटाए जाने संबंधी आदेश को चुनौती दी थी। वेटिकन सिटी रोमन कैथोलिक चर्च का मुख्यालय है। दूसरी याचिका में लुसी ने आरोप लगाया था कि उन्हें सहकर्मी नन से दुष्कर्म के आरोपित बिशप के खिलाफ गिरफ्तारी की मांग करने के कारण पद से हटाया गया है।
जारी रखेंगी कानूनी कार्रवाई
'जस्टिस फॉर सिस्टर लुसी' नामक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े जॉर्ज एम. ने कहा, 'लुसी कलापुरा को वेटिकन से लैटिन में पत्र मिला है। उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है।' नन ने मीडिया के सामने बात रखने के लिए जॉर्ज को अधिकृत किया है। वह केरल कैथोलिक चर्च रिफॉर्मेशन मूवमेंट (KCRM) के नेता भी हैं। उन्होंने कहा कि नन लुसी अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखेंगी। हालांकि, मणंतवादी डायोसिस के प्रवक्ता का कहना है कि उन्हें वेटिकन से इस संबंध में कोई पत्र नहीं मिला है। चूंकि उन्होंने सीधे अपील की है, इसलिए शायद सीधे जवाब मिला होगा।
पिछले साल किया गया था निलंबित
उल्लेखनीय है कि मिशनरीज ऑफ जीसस कांग्रेगैशन की एक नन से दुष्कर्म के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कल की गिरफ्तारी के लिए चले आंदोलन में नन लुसी कलापुरा शामिल रही थीं। उन्हें पिछले साल अगस्त में निलंबित कर दिया गया था। उन पर चर्च के नियमों के खिलाफ और बिना वरिष्ठों को जानकारी दिए कार खरीदने, ड्राइविंग लाइसेंस पाने व किताब प्रकाशन के लिए कर्ज लेने का आरोप लगाया गया था।