Uttarakhand Glacier Collapse: मौसम विभाग ने किया अलर्ट, आने वाले कुछ दिनों में हो सकती हल्की बारिश और बर्फबारी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली तपोवन और जोशीमठ में सात और आठ फरवरी को प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है। ऐसे में ग्लेशियर टूटने से प्रभावित हुए क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्य के लिए यह काफी राहत की बात है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद चल रहे राहत एवं बचाव कार्य के लिए यह राहत की बात है कि अगले दो दिन प्रभावित इलाकों में किसी प्रकार के प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है। यहां मौसम शुष्क रहेगा, पर चमोली जिले के उत्तरी हिस्से में नौ और 10 फरवरी को हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने कहा कि उत्तराखंड के चमोली, तपोवन और जोशीमठ में सात और आठ फरवरी को प्रतिकूल मौसम की कोई आशंका नहीं है। ऐसे में ग्लेशियर टूटने से प्रभावित हुए क्षेत्रों में चल रहे बचाव कार्य के लिए यह काफी राहत की बात है।
10 फरवरी को चमोली जिले के उत्तरी हिस्से में हो सकती है बारिश और बर्फबारी
विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक आनंद शर्मा ने कहा कि इन दोनों दिनों में चमोली, तपोवन और जोशीमठ में शुष्क मौसम रहने का अनुमान है। राज्य के लिए विशेष रूप से जारी किए गए मौसम परामर्श में मौसम विभाग ने कहा कि सात और आठ फरवरी को बारिश और बर्फबारी की कोई आशंका नहीं है। परामर्श के मुताबिक, चमोली जिले के उत्तरी हिस्से में ही नौ और 10 फरवरी को हल्की बारिश या बर्फबारी हो सकती है।
श्रीनगर बांध से सभी गांवों और तटवर्ती इलाकों को कराया गया खाली
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर कहा कि यह घटना जोशीमठ से 26 किमी दूर रेनी गांव के पास हुई। धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई और नदी किनारे स्थित कई घर बह गए। सीएम रावत ने कहा कि ऋषि गंगा और अलकनंदा पर बढ़ते जल के सुगम मार्ग की सुविधा के लिए टिहरी बांध से प्रवाह रोका गया। आपदा के कारण उच्चतर जल प्रवाह को प्रबंधित करने के लिए श्रीनगर बांध से सभी गांवों और तटवर्ती इलाकों को खाली कर दिया गया और श्रीनगर बांध से पानी का प्रवाह बढ़ा दिया गया।