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एस-400 डील पर अमेरिका नरम, कहा- मित्रों को नुकसान पहुंचाना मकसद नहीं

भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम पर हुए समझौते के बाद अमेरिका की तल्‍खी में कमी आ गई है। अमेरिका ने इस पर बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 05 Oct 2018 07:27 PM (IST)Updated: Fri, 05 Oct 2018 11:55 PM (IST)
एस-400 डील पर अमेरिका नरम, कहा- मित्रों को नुकसान पहुंचाना मकसद नहीं
एस-400 डील पर अमेरिका नरम, कहा- मित्रों को नुकसान पहुंचाना मकसद नहीं

नई दिल्‍ली, एजेंसी। भारत और रूस के बीच एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम पर हुए समझौते के बाद अमेरिका की तल्‍खी में कमी आ गई है। हालांकि अमेरिका ने इस पर बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। डील पर अमेरिका ने कहा कि 'काटसा' कानून के जरिए हम अपने सहयोगियों की ताकत को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते हैं। अमेरिका की तरफ से यह त्‍वरित टिप्‍पणी भारत और रूस के हुए रक्षा सौदे के बाद आई है।

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सहयोगियों का बना रखवाला

अमेरिकी दूतावास की ओर से दी गई प्रतिक्रिया में यह कहा गया है कि अमेरिका के प्रतिबंध का मतलब यह कतई नहीं है कि हमारे सहयोगी देशों की सैन्‍य क्षमताओं को नुकसान पहुंचे। बता दें कि भारत ने अमेरिकी धमकी के बावजूद रूस से रक्षा क्षेत्र में बड़ा समझौता कर लिया है। रूस के राष्‍ट्रपति के भारत दौरे में दोनों देशों के बीच आठ मुद्दों पर समझौता हुआ है। 

हर लेनदेन पर विचार 

अमेरिका ने यह भी कहा कि रियायत या छूट पर विचार हर लेन देन के आधार पर होगा। इसका पहले से अनुमान नहीं लगा सकते हैं। रिपोर्टर द्वारा पूछे गए सवाल कि क्‍या भारत पर इस प्रतिबंध का असर पड़ेगा का जबाव बड़े ही कूटनीतिक तरीके से दिया। दूतावास के प्रवक्‍ता ने कहा कि अमेरिकी कानून काटसा के सेक्‍शन 231 पर विचार हर लेन देन के आधार पर होगा। काटसा को लगाने का मतलब साफ है कि रूस को उसके घातक व्‍यवहार के लिए उसे दंड देना है। इसमें रूस के डिफेंस सेक्‍टर में फंड फ्लो को रोकना जरूरी माना गया है।

क्या है काटसा कानून

अमेरिका ने अपने दुश्मन देशों को प्रतिबंधों के जरिए दंडित करने के लिए 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शंस एक्ट' (काटसा) कानून बनाया है। इन देशों के साथ सौदे करने वाले देशों पर यह कानून लागू होता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त 2017 में 'काटसा' पर हस्ताक्षर किए थे। ट्रंप ने अगस्त 2017 में रूस पर प्रतिबंध लगाने के मकसद से इस कानून पर हस्ताक्षर किए थे। इसे ‘काटसा’ नाम दिया गया। इसके तहत अमेरिका रूस से बड़ा रक्षा समझौता करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगा सकता है। 


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