US Presidential Election 2020: पहले दिन से ही अमेरिकी चुनाव पर दिखा भारत का रंग और प्रभाव
यह भारतीय वोटरों की बढ़ती शक्ति का ही प्रमाण है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार की पहली बुकलेट में सिर्फ एक विदेशी लीडर के साथ अपना फोटो प्रकाशित किया और वह पीएम नरेंद्र मोदी का था।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अमेरिका में नए राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। कई वजहों से अमेरिकी इतिहास में इस चुनाव प्रक्रिया को याद रखा जाएगा। भारतीय परिप्रेक्ष्य में भी अलग अहमियत रहेगी। यूं तो हर अमेरिकी चुनाव में किसी न किसी पड़ाव पर भारतीय मूल की चर्चा होती रही है। लेकिन इस बार के चुनाव में पहले दिन से भारत का जिक्र रहा है। भारतीय रंग उस दिन से ही चढ़ना शुरू हो गया था कि जब सितंबर, 2019 में हयूस्टन में भारतवंशियों की तरफ से आयोजित 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक दूसरे का हाथ पकड़कर चले थे। भारतीय मूल के लिए अमेरिकी मतदाता से भरे स्टेडियम में 'अबकी बार ट्रंप सरकार' का नारा भी लगा था। वह नारा तो सच होता नहीं दिख रहा है लेकिन पूरे चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पार्टियों की तरफ से भारत से जुड़े मुद्दे उठाये जाते रहे।
भारत का हितैषी व दूसरे को भारत विरोधी साबित करने की हुई कोशिश
राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों ने अपने आपको भारतीय हितों के ज्यादा करीब दिखाने की पूरी कोशिश की। अब अगर कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ तो डेमोक्रेट पार्टी की तरफ से अमेरिका की नई उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस बनेंगी। भारतीय मां और जमैकन पिता की पुत्री हैरिस अमेरिकी चुनाव में भारत के सबसे गहरे रंग को पेश करेंगी।
भारतीय मूल के सांसदों का जीतना महत्वपूर्ण
इनके अलावा अमेरिकी राजनीति में समोसा काकस के नाम से प्रचलित भारतीय मूल के चार सांसद (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में) डॉ. अमित बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति का दोबारा चुनाव जीतना भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। हैरिस और उक्त चारों सांसद अपने भारतीय मूल को लेकर बेहद मुखर रहते हैं और इसे अमेरिकी राजनीति में एक शक्ति के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। जानकार मान रहे हैं कि अमेरिका में भारतीय मूल के वोटरों की संख्या नहीं बल्कि भारतीय जिस तरह से अपने अपने क्षेत्र में लीडर के तौर पर स्थापित हो रहे हैं, उसकी वजह से वह अमेरिकी राजनीति में जगह बना रहे हैं।
डेमोक्रेट पार्टी को सबसे ज्यादा दान देने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी
अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, डेमोक्रेट पार्टी को सबसे ज्यादा दान देने वाले भारतीय मूल के अमेरिकी हैं, दूसरे स्थान पर चीनी मूल के अमेरिकी नागरिक हैं। सितंबर, 2020 में भारतीय मूल के लोगों के साथ एक राजनीतिक रैली में बाइडन ने 33 लाख डॉलर जुटाये थे। यह भारतीय वोटरों की बढ़ती शक्ति का ही प्रमाण है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रचार की पहली बुकलेट में सिर्फ एक विदेशी लीडर के साथ अपना फोटो प्रकाशित किया और वह पीएम मोदी का था। चुनाव प्रक्रिया जब अंतिम चरण में थी, तब अमेरिकी विदेश मंत्री की तरफ से चीन के खिलाफ भारत के पक्ष में खुल कर बयान देने को भी विशेषज्ञ अमेरिकी चुनाव से भी जोड़ कर देखते हैं।
भारत के ज्यादा शुभचिंतक बनने की कोशिश
दोनों उम्मीदवारों की तरफ से सिर्फ यह कोशिश नहीं की गई कि वे भारत के ज्यादा शुभचिंतक हैं बल्कि एक दूसरे पर भारत के हितों को दरकिनार करने का आरोप भी लगाया गया। मसलन, रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से यह आरोप लगाया गया कि बाइडन कई वर्ष पहले परमाणु मुद्दे पर भारत पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। ट्रंप ने एक चुनावी परिचर्चा में भारतीय हवा को चीन और रूस के साथ 'फिल्दी (घटिया)' कहा तो बाइडन ने लिखा कि, ''राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को 'फिल्दी' कहा है, यह अपने दोस्तों के बारे में बात करने का कोई तरीका नहीं है और ना ही यह जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को दूर करने का तरीका है।''