जाधव मामले पर बोले US एक्सपर्ट्स- विश्व में अलग-थलग होने का बदला ले रहा पाक
अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञों ने भारतीय नौसैनिक कुलभूषण जाधव को फांसी देने के पाकिस्तानी फैसले पर सवाल उठाए हैं
वाशिंगटन (पीटीआई)। भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी कोर्ट से मिली फांसी की सजा पर अमेरिका के शीर्ष रक्षा विशेषज्ञों ने सवाल उठाए हैं। इन विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ने वैश्विक मंच पर अलग-थलग पड़ने का भारत से बदला लेने के लिए जाधव को फांसी की सजा सुनाई है।
46 साल के जाधव को पिछले साल ईरान के नियंत्रित बलूचिस्तान इलाके से 3 मार्च, 2016 को अगवा किया गया था। जाधव के खिलाफ जासूसी करने के मामले में आर्मी एक्ट के तहत पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट में मामला चलाया गया था। आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने जाधव को फांसी की सजा देने की पुष्टि की थी।
अमेरिकी विदेश विभाग के साउथ एंड सेंट्रल एशिया ब्यूरो की पूर्व सीनियर अधिकारी एलिसा आयरिस ने बताया, 'कुलभूषण जाधव मामले में बरती गयी अनियमितताओं के अलावा, पाकिस्तानी ने कई गलतियां की हैं।जाधव को किसी राजनयिक से मिलने नहीं दिया गया, कोर्ट मार्शल की कार्यवाही गुप्त तरीके से हुई। मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्य जाधव के मामले की इतनी जल्द सुनवाई पर हुआ, जबकि मुंबई हमलावरों के मामले में सुनवाई कितनी बार स्थगित हुई है। मुंबई मामले की सुनवाई करीब नौ साल से लटकी हुई है।' आयरिस वर्तमान में एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक, विदेश मामलों पर भारत, पाकिस्तान और दक्षिण एशिया परिषद की वरिष्ठ फैलो हैं।
वाशिंगटन-डीसी में स्थिति एक शीर्ष अमेरिकी थिंक टैंक के साउथ एशिया सेंटर के निदेशक भारत गोपालस्वामी का मानना है कि जाधव की सजा के मामले में जो साक्ष्य बताये जा रहे हैं वो 'बेहद कमजोर' हैं और पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा बनाई गयी कहानी कहीं भी मेल नहीं खाती है। आतंकवाद से निपटने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की आक्रामक कूटनीति का मुकाबला करने के लिए पाकिस्तान ने यह फैसला लिया है। बिना सूबतों वाला यह फैसला "राजनीतिक रूप से प्रेरित" लगता है।
प्रतिष्ठित वुडरो विल्सन केंद्र में दक्षिण एशिया मामलों के उपनिदेशक माइकल कुगेलमैन का कहना है, 'यह पूरी कहानी रहस्य और अनिश्चिताओं से भरी हुई है, लेकिन ऐसा लगता है कि पाकिस्तान, भारत द्वारा उसे वैश्विक मंच पर अलग-थलग किये जाने के प्रयासों को बढ़ते हुए समर्थन से बैखलाया हुआ है और इसी के तहत वह भारत को एक बेहद मजबूत संदेश भेजना चाहता है।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत हर हाल में जाधव को इस सजा से बचाना चाहता है। ऐसे में पाकिस्तान के पास सौदेबाजी का बड़ा मौका है। पाकिस्तान चाहेगा कि जाधव का इस्तेमाल कर वह भारत से अपनी कुछ अहम बातें मनवा ले।'
अधिकतर विशेषज्ञ मानते हैं कि इस पूरे मामले से भारत और पाकिस्तान के आपसी रिश्ते काफी बिगड़ सकते हैं। दोनों देशों के बीच सहयोग और बातचीत का विकल्प आने वाले कुछ समय तक तो कामयाब होता नहीं दिख रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस ने इस मामले पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।
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