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बाइडन-कमला के शपथ ग्रहण समारोह से पहले जानें- कहां बनी तमिलनाडु की परंपरागत रंगोली 'कोलम'

कमला हैरिस और बाइडन के शपथ लेने से पूर्व केपिटल बिल्डिंग पर भारत के तमिलानाडु की परंपरागत रंगोली कोलम बनाई गई। ये रंगोली हर शुभ अवसर या खुशी के मौके पर बनाई जाती है। ये दोनों 20 जनवरी को शपथ लेंगे।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 07:02 AM (IST)
बाइडन-कमला के शपथ ग्रहण समारोह से पहले जानें- कहां बनी तमिलनाडु की परंपरागत रंगोली 'कोलम'
कोलम रंगोली से जताई गई कमला हैरिस के उपराष्‍ट्रपति बनने की खुशी

नई दिल्‍ली (एएनआई)। अमेरिका में पहली बार कोई भारतीय मूल की महिला उपराष्‍ट्रपति पद को ग्रहण करने वाली है। इस लिहाज से 20 जनवरी का दिन काफी खास है। इसी दिन जो बाइडन जहां राष्‍ट्रपति पद की शपथ लेंगे वहीं कमला हैरिस उपराष्‍ट्रपति पद की शपथ लेंगी। आपको बता दें कि कमला की जड़ें भारत के तमिलनाडु से जुड़ी हुई हैं। उनकी मां श्‍यामला गोपालन, जो कि एक बायोलॉजिस्‍ट हैं 1958 में आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गई थीं। वहां पर उनकी शादी हुई और वहीं पर कमला का जन्‍म भी हुआ। इस वजह से 20 जनवरी को जो शपथ ग्रहण समारोह होने वाला है उसमें भारत की झलक होना बेहद स्‍वाभाविक है।

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बाइडन और कमला के शपथ ग्रहण के ऑनलाइन समारोह में कोलम का बनाया जाना इस बात का सीधा सुबूत भी है। ये दरअसल, भारत के दक्षिण राज्‍य तमिलनाडु में परंपरागत रंगों से बनाई जाने वाली पर रंगोली है। इसको वहां पर कोलम के नाम से जाना जाता है। आपको यहां पर ये भी बताना बेहद जरूरी है कि ये बेहद शुभ और खास मौके पर ही बनाई जाती है। यही वजह है कि शपथ ग्रहण समारोह से पहले केपिटल बिल्डिंग के सामने इसको बनाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। कमला और बाइडन के स्‍वागत के लिए हजारों कोलम रचनाओं से मिलाकर जो वीडियो बनाया गया है वो बेहद खास है।

बीते दिनों जब हैरिस और बाइडन के स्‍वागत के साथ-साथ अमेरिका की संस्‍कृति को दर्शाने के लिए जब एक वीडियो बनाया गया तो इसमें कोलम की हजारों तस्‍वीरों को शामिल किया गया। इसमें अमेरिका के साथ भारत के 1800 से अधिक लोगों ने हिस्‍सा लिया था। इसमें हिस्‍सा बनीं भारत की शांति चंद्रशेखर का कहना था कि ये रंगोली एक नई ऊर्जा का संचार करती है जो इसका बेहद सकारात्‍मक पहलू है। इस पहले में विभिन्‍न आयु के लोगों ने हिस्‍सा लिया था। इसकी शुरुआत पहले तो स्‍थानीय स्‍तर पर की गई थी लेकिन ये बाद में उम्‍मीद से कहीं अधिक बड़ी बन कर सामने आई। इसको पहले व्‍हाइट हाउस के बाहर बनाया जाना था लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से इसको केपिटल बिल्डिंग के सामने बनाने की इजाजत दी गई थी। 


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