मॉडर्ना ने लगाए उम्मीद को पंख, कोरोना की वैक्सीन बनाने की दौड़ में दूसरों से आगे
अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना कोरोना की वैक्सीन बनाने में दूसरों से आगे निकलती हुई दिखाई दे रही है। इसके शुरुआती ट्रायल के नतीजे काफी बेहतर आए हैं।
नई दिल्ली पीटीआई। पूरी दुनिया जहां कोरोना वायरस की काट करने वाली वैक्सीन का इंतजार रही है वहीं अमेरिका की कंपनी मॉडर्ना ने इसमें उम्मीदों के नए पंख लगा दिए हैं। इस कंपनी ने mRNA-1273 नाम से एक वैक्सीन विकसित की है जिसके शुरुआती परिणाम काफी उत्साहवर्धक रहे हैं। कंपनी की मानें तो जिन आठ लोगों पर इसका ट्रायल किया गया है उनके शरीर में इस दवा को देने के बाद एंटीबॉडीज का बनना शुरू हुआ है जो कोरोना वायरस को खत्म करने का अहम जरिया बन सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक इसके अलावा 110 भी प्री क्नीकल स्टेज पर हैं। इस स्टेज में किसी दवा की टेस्टिंग और इससे मिलने वाले आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। आपको बता दें कि ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक भी कोविड 19 की दवा को विकसित करने में जुटे हैं।
इन्होंने इस दवा को लेकर बंदरों पर शोध किया है। इनके मुताबिक इसका जल्द ट्रायल भी शुरू हो सकता है। लेकिन इस दौड़ में मॉडर्ना बाजी मारती दिखाई दे रहा है। ब्रिटेना आधारित ग्लोबल डाटा में एंफेक्शियस डिजीज के एसोसिएट डायरेक्टर माइकल ब्रीन मॉडर्ना को इस दौड़ का लीडिंग कैंडिडेट मानते हैं। उनके मुताबिक मॉडर्ना के बनाए mRNA-1273 वैक्सीन के शोध में ऐसे एंटीबॉडीज का निर्माण सामने आया है जो इस वायरस को खत्म कर सकते हैं।
कंपनी ने इसका परीक्षण मार्च माह से शुरू किया था। इन लोगों को इसकी डोज देने के बाद जब इनके शरीर में बनी एंटीबॉडीज के स्तर का मिलान उन लोगों की एंटीबॉडीज के स्तर से किया गया जो कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद ठीक हुए थे जो परिणाम बेहतर मिले। मॉडर्ना के मुताबिक इस वैक्सीन के दूसरे चरण में 600 लोगों को शामिल किया जाएगा और इसका तीसरा चरण जुलाई में शुरू होगा। अमेरिकी नियामक फूड एंड ड्रग एडमिस्ट्रेशन (एफडीए) ने मॉडर्ना को परीक्षण के दूसरे चरण पर आगे बढ़ने को अपनी मंजूरी दे दी है।