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UPSC Exam: आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को एक मौका देने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया सुझाव, जानें क्‍या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा कि वह विचार करके बताए कि क्या संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अंतिम प्रयास कर चुके और तय आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया जा सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 10:05 PM (IST)Updated: Tue, 09 Feb 2021 01:25 AM (IST)
UPSC Exam: आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को एक मौका देने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया सुझाव, जानें क्‍या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या UPSCपरीक्षा में अंतिम प्रयास कर चुके अभ्यर्थियों को मौका दे सकतेे हैंं।

नई दिल्ली, जेएनएन। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को केंद्र सरकार से कहा कि वह विचार करके बताए कि क्या संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission, UPSC) की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा में अंतिम प्रयास कर चुके और तय आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया जा सकता है। कोर्ट ने सरकार से मंगलवार तक इस बारे में बताने को कहा है। मंगलवार को मामले पर फिर सुनवाई होगी।

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अब आयुसीमा पर फंसा पेंच 

सुप्रीम कोर्ट यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा में अंतिम प्रयास कर चुके अभ्यर्थियों को कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए एक और मौका देने की मांग पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट के आग्रह पर केंद्र सरकार अंतिम प्रयास कर चुके अभ्यर्थियों को एक और मौका देने को राजी हो गई है, लेकिन कहा है कि जिन लोगों की परीक्षा देने की तय आयु सीमा पूरी हो गई है उन्हें यह मौका नहीं दिया जाएगा।

केंद्र को विचार करना चाहिए

सोमवार को न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से अंतिम प्रयास कर चुके और आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों को एक और मौका देने पर विचार करने को कहा। पीठ ने कहा कि इनमें से कुछ लोग ऐसे होंगे जो कि आवश्यक सेवाओं में सेवारत होंगे। ऐसे में केंद्र सरकार को मामले पर विचार करना चाहिए। 

यह असाधारण परिस्थिति है 

कोर्ट ने केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) से कहा कि वह सरकार से अडि़यल रहने की उम्मीद नहीं करते। ये असाधारण परिस्थितियां हैं और इस पर विचार होना चाहिए। केंद्र ने कहा कि ये सरकार का नीतिगत मामला है। पीठ ने नीतिगत मामला होने की बात से सहमति जताते हुए कहा कि नीतियां जमीनी हकीकत के आधार पर तय होती हैं। 

करीब 2,300 लाभार्थी 

अदालत ने कहा कि ये असाधारण परिस्थिति है सरकार विचार करे कि क्या आयु सीमा पार कर चुके लोगों को भी एक और मौका दिया जा सकता है। पीठ ने कहा कि सरकार पहले ऐसा कर चुकी है। इस तरह के लाभार्थी करीब 2,300 होंगे। 

मंगलवार तक टली सुनवाई 

सर्वोच्‍च न्‍यायालय के आग्रह पर एएसजी ने कहा कि वह संबंधित अथॉरिटीज के समक्ष कोर्ट के सुझाव रखेंगे और कोर्ट को सूचित करेंगे। कोर्ट ने मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए टाल दी। इससे पहले आयु सीमा पार कर चुके अभ्यर्थियों की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट से आग्रह किया कि कोरोना महामारी की असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए अंतिम प्रयास कर चुके और आयु सीमा पार करने वाले अभ्यर्थियों को एक और मौका दिया जाए।


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