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वंदे भारत आपरेशन का होगा विस्तार, दूसरे चरण में रूस, यूक्रेन से लाए जाएंगे भारतीय

14 मई से वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण शुरू होगा। दूसरे चरण में रूस यूक्रेन थाईलैंड स्पेन जर्मनी से भारतीयों को लाया जाएगा।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 08 May 2020 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 10:20 PM (IST)
वंदे भारत आपरेशन का होगा विस्तार, दूसरे चरण में रूस, यूक्रेन से लाए जाएंगे भारतीय
वंदे भारत आपरेशन का होगा विस्तार, दूसरे चरण में रूस, यूक्रेन से लाए जाएंगे भारतीय

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। कोरोनावायरस की वजह से दूसरे देशों में फंसे नागरिकों को स्वदेश लाने का काम आने वाले दिनों में और तेज होगा। 7 मई, 2020 से पहला चरण शुरू हुआ है और पहले दिन ही चार फ्लाइटों से चार अलग अलग देशों से तकरीबन 750 भारतीयों को स्वदेश लाया जा चुका है। पहला चरण 13 मई तक चलेगा और उसके बाद 14 मई से दूसरा चरण शुरू होगा। दूसरे चरण में रूस, यूक्रेन, थाईलैंड, स्पेन, जर्मनी से भारतीयों को लाया जाएगा। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक दुनिया भर में फैसले भारत के तमाम मिशनों में अभी तक 67,833 लोगों ने घर लौटने के लिए पंजीयन करा लिया है।

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आने वालों में अधिकांश छात्र व मजदूर

सूत्रों के मुताबिक अभी तक जो पैटर्न दिख रहा है, उससे साफ लगता है कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र और कामगर स्वदेश लौटना चाहते हैं। पंजीयन कराने वालों में 34 फीसद छात्र व 30 फीसद श्रमिक हैं। विदेश मंत्रालय का यह आंकड़ा आने वाले कठिन समय के बारे में भी इशारा करता है। शुक्रवार को भी अबुधाबी, दुबई, सिंगापुर और ढाका से चार फ्लाइटें भारत के विभिन्न शहरों में पहुंचे हैं और आने वालों में अधिकांश छात्र व मजदूर हैं। छात्रों के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में शिक्षा लेना अब मुश्किल हो गया है। रूस, उक्रेन, जर्मनी, स्पेन जैसे देशों के लिए अगले हफ्ते उड़ानों की सुविधा दी जाएगी और उससे भी बड़ी संख्या में छात्रों के स्वदेश लौटने की संभावना है। 

मालदीव से बड़ी संख्‍या में कामगार लौटने लगे 

आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से मजदूरों को काम मिलना बंद हो गया है। इसकी वजह से वह भारत लौटने लगे हैं। मालदीव से आज 750 भारतीयों को लेकर एक जहाज भारत के लिए रवाना हुआ है जिनमें से अधिकांश कामगार हैं। सूत्रों ने बताया कि मालदीव से निकासी का काम सबसे अलग है। वहां से कुल 2000 भारतीयों को निकालने के लिए आईएनएस जलस्वा और आईएनएस मगर को लगाया गया है। ये कोची और तुतीकोरन के लिए दो-दो बार लोगों को मालदीव से ले कर आएंगे। मालदीव में 27 हजार भारतीय रहते हैं, जिनमें से 4 हजार ने स्वदेश लौटने की इच्छा जताई है। 

जरूरत वाले लोगों को ही दी जाएगी प्राथमिकता 

सूत्रों के मुताबिक भारतीय मिशन के पास लाखों लोगों ने स्वदेश लौटने के लिए फोन किया है लेकिन सीमित सुविधा को देखते हुए अभी सिर्फ उन्हीं लोगों को लौटने की सुविधा दी जा रही है जिन्हें इसकी ज्यादा जरुरत है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि चूंकि 'वंदे भारत आपरेशन' के तहत सुविधा जरूरत के हिसाब से दी जी रही है, इसलिए इसके लिए फीस वसूली जा रही है। पहले चरण में कुल 64 उड़ानों से 12 देशों से 15 हजार भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है। सबसे ज्यादा खाड़ी के देशों से 27 फ्लाइटें लाई जा रही हैं जबकि जबकि मालदीव से दो नौ सेना के जहाजों को भी आपरेशन में लगाया गया है।

 

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