युवाओं के कौशल विकास में यूपी अव्वल, पिछले पांच साल में 92 लाख युवाओं को दिया जा चुका है प्रशिक्षण
कौशल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल देश के 513 संसदीय क्षेत्रों में आने वाले 638 जिलों में 723 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र चल रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। धीरे-धीरे ही सही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना युवाओं को रोजगार परक प्रशिक्षण की ओर आकर्षित करने में सफल हो रही है। युवाओं के कौशल विकास में उत्तरप्रदेश में देश में अव्वल रहा है। बड़ी बात है कि बड़ी संख्या में महिलाएं इस योजना का लाभ उठा रही हैं। कौशल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पांच साल पहले शुरु किये गए इस योजना के तहत 92 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें 39 लाख महिलाएं और 38 हजार दिव्यांग हैं। सरकार की कोशिश आने वाले सालों में देश के हर जिले में कौशल विकास का केंद्र स्थापित कर स्थानीय जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करना है।
प्रशिक्षित युवाओं को तैयार करने में देश में उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर रहा है। यहां अब तक 13 लाख युवा कौशल विकास का प्रशिक्षण ले चुके हैं। वहीं महाराष्ट्र में आठ लाख, राजस्थान में सात लाख और मध्यप्रदेश में 6.5 लाख युवाओं ने प्रशिक्षण लिया है। इलेक्ट्रानिक्स और हार्डवेयर का क्षेत्र युवाओं की पहली पसंद रहा है, जबकि वस्त्र व परिधान दूसरी पसंद के रूप में सामने आया है।
देशभर में 723 से अधिक चल रहे कौशल केंद्र
कौशल विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल देश के 513 संसदीय क्षेत्रों में आने वाले 638 जिलों में 723 से अधिक प्रधानमंत्री कौशल केंद्र चल रहे हैं, जहां अच्छी आधारभूत संरचना के साथ-साथ अच्छे प्लेसमेंट की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसके लिए अलावा जल्द ही 53 संसदीय क्षेत्रों के 85 जिलों में 89 नए प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र खोलने की तैयारी है। इससे देश के हर जिले में कम-से-कम एक कौशल विकास केंद्र खोलने की लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाएगा। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, थ्रीडी एनालिटिक्स जैसे नए क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण के पाठ्यक्रम भी शुरु करने की योजना है।
देश में प्रशिक्षित युवाओं की रोजगार परक प्रशिक्षण देने के अलावा अब सरकार की कोशिश उन्हें विदेश में नौकरियों के लिए तैयार करने की है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय और कौशल विकास मंत्रालय के साथ मिलकर नई योजना तैयार करने की घोषणा की है। उनके अनुसार दुनिया में डाक्टरों, नर्सों, शिक्षकों और देख-भाल करने वालों प्रशिक्षित युवाओं की भारी मांग है। इसके लिए युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ संबंधित देशों की भाषा का ज्ञान भी दिया जाएगा।