यूपी, दिल्ली और मुंबई समेत इन इलाकों में मास्क पहनना अनिवार्य, जानें कैसा हो यह सुरक्षा कवच
उत्तर प्रदेश दिल्ली और मुंबई समेत देश के कई इलाकों में घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। इसके उल्लंघन को दंडनीय बताया गया है...
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। देश में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण के मामलों को देखते हुए राज्य सरकारों ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने सूबे के 15 जिलों में चिन्हित 104 क्षेत्रों को फिलहाल 14 अप्रैल तक के लिए सील कर दिया है। इस दौरान कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लागू रहेंगे। दिल्ली सरकार ने भी राष्ट्रीय राजधानी में घर से बाहर निकलने पर लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई, ठाणे और पुणे में सभी लोगों के लिए घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।
देश के इन हिस्सों में भी सख्ती
देश के बाकी हिस्सों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर सरकार के सचिवालय में मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। यही नहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह जिले में भी मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है। ओडिशा और चंडीगढ़ के किसी भी सरकारी कार्यालय में प्रवेश करते समय मास्क पहनना भी अनिवार्य है। कुछ इलाकों में कहा गया है कि ऐसा नहीं करने वालों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। कुछ इलाकों में सरकारी कर्मचारियों को पुन: उपयोग में आने वाले तीन मास्क भी दिए जाने की बातें कही गई हैं।
कैसा हो मास्क
घर से बाहर निकलने पर मास्क पहनने की अनिवार्यता के साथ ही यह बताया गया है कि मास्क कैसा होना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि लोग बाजार से मिलने वाले ट्रिपल लेयर मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा मास्क नहीं हो तो किसी भी साफ कपड़े का खुद का बनाया हुआ तीन परतों वाला फेस कवर भी काम में लाया जा सकता है। इस फेस कवर को साबुन से धुलकर दोबारा काम में लाया जा सकता है। फेस कवर नहीं होने की स्थिति में गमछा, रूमाल या दुपट्टा आदि का इस्तेमाल फेस कवर के तौर पर किया जा सकता है। दोबारा प्रयोग किया हुआ गमछा साबुन से धुला हुआ होना चाहिए।
नहीं लगाया मास्क तो होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि एन-95 मास्क का इस्तेमाल केवल चिकित्साकर्मियों के लिए ही संस्तुत है। बिना फेस कवर के घर से बाहर सार्वजनिक स्थानों पर जाना एपेडैमिक एक्ट 1897 एवं उत्तर प्रदेश एपेडैमिक डिजीज विनियमावली 2020 का उल्लंघन माना जाएगा। देश के कुछ दूसरे इलाकों में यह भी कहा गया है कि घर के बाहर मास्क नहीं पहनने वालों को आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक अधिकारी उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएं।
मास्क से कैसे रुकता है संक्रमण
कई अध्ययनों में पाया गया है कि घर में तैयार किया गया मास्क भी कोरोना से बचाव में बड़ा कारगर हो सकता है। अध्ययन के तहत सुझाव दिया गया है कि जिन्हें वायरस से संक्रमण का खतरा है, या जो संक्रमित हैं... वे मास्क या उक्त रक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल करें। इससे ड्रॉपलेट्स के जरिए वायरस के फैलने का खतरा कम हो जाता है। जर्नल नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक नॉन फिटेड मास्क कोरोना वायरस के ड्रॉपलेट और एरोसोल को 100 फीसद तक रोकने में सक्षम है। हालांकि मास्क पहनने वाले स्वस्थ्य व्यक्ति के लिए यह कितना कारगर है, इस पर कोई उच्च स्तरीय अध्ययन नहीं हुआ है। इससे स्पष्ट है कि संक्रमित व्यक्ति यदि मास्क नहीं पहनता है तो वह दूसरों के लिए बड़ा खतरा पैदा करता है...