Move to Jagran APP

पढ़ाई-लिखाई के साथ सामाजिक सरोकारों में भी अब विश्वविद्यालय बटाएंगे हाथ

पढ़ाई-लिखाई के साथ विश्वविद्यालय अब सामाजिक सरोकारों में भी बढ़-चढ़कर हाथ बटाएंगे

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 23 May 2018 08:43 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 08:43 PM (IST)
पढ़ाई-लिखाई के साथ सामाजिक सरोकारों में भी अब विश्वविद्यालय बटाएंगे हाथ
पढ़ाई-लिखाई के साथ सामाजिक सरोकारों में भी अब विश्वविद्यालय बटाएंगे हाथ

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। पढ़ाई-लिखाई के साथ विश्वविद्यालय अब सामाजिक सरोकारों में भी बढ़-चढ़कर हाथ बटाएंगे। सरकार ने उच्च शिक्षण संस्थानों को सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाने को कहा है। इसकी शुरूआत सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की गंदी आदत के खिलाफ अभियान से होगी। सरकार का मानना है कि मौजूदा समय में यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। जिससे बीमारियों के तेजी से फैलने में मदद मिलती है।

loksabha election banner

-यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिए सामाजिक सरोकारों से जुड़े अभियान चलाने के निर्देश

-सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की गंदी आदत के खिलाफ मुहिम से होगी इसकी शुरूआत

यूजीसी ने इसे लेकर सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए है। कुलपतियों को लिखे पत्र में यूजीसी ने कहा कि विश्वविद्यालय इस काम में बेहतर भूमिका निभा सकते है। इसके तहत वह छात्रों और राष्ट्रीय सेवा योजना के जरिए एक बड़ा अभियान शुरु कर सकते है। साथ ही अपने शहर और आस-पास के क्षेत्रों को इस गंदी आदत से मुक्ति दिला सकते है। यूजीसी का कहना है कि सार्वजनिक स्थलों पर थूकने की इस गंदी आदत से बीमारियां तेजी से फैलती है। खासकर टीबी जैसी बीमारियां के फैलने की यह एक सबसे बड़ी वजह है।

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को सामाजिक सरोकारों से जुड़ने की यह नसीहत ऐसे समय दी है, जब सरकार पहले से ही स्वच्छता को लेकर देश भर में एक बड़ा अभियान चला रखी है। सरकार का मानना है कि इस तरह के अभियानों की सफलता तभी संभव है, जब इनमें ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। ऐसे में विश्वविद्यालय इनमें एक बड़ी भूमिका निभा सकते है।

गौरतलब है कि सरकार ने थूकने के खिलाफ मुहिम को शुरू करने के निर्देश ऐसे समय दिए है, जब खुले में शौच जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ उनके अभियान को भारी सफलता मिलती दिख रही है। अभियान के चलते मौजूदा समय में देश के हजारों गांव अब खुले में शौच जैसी बुराई से मुक्त हो चुके है।

विश्वविद्यालय को लिखे पत्र में यूजीसी ने ज्यादा से ज्यादा छात्रों को ऐसे अभियान से जोड़ने और जागरूकता फैलाने को कहा है। इसके साथ ही इसी तरह सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान को रोकने के लिए भी एक मुहिम चलाने की जरूरत बताई है। यूजीसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक ऐसे अभियानों में हिस्सा लेने वाले विश्वविद्यालय की एक राष्ट्रीय रैकिंग भी तैयार की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.