विश्वविद्यालय अब एक जुलाई से पहले भी करा सकेंगे परीक्षा, यूजीसी ने संस्थानों पर छोड़ा फैसला
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने परीक्षाएं आयोजित कराने के मसले पर विश्वविद्यालयों को फ्री-हैंड दे दिया है। यह एक जुलाई से पहले भी हो सकता है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अनलॉक-1 के बाद विश्वविद्यालयों में अब एक जुलाई से पहले ही परीक्षाएं कराने को लेकर हलचल तेज हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल इसे लेकर विश्वविद्यालयों को फ्री-हैंड दे दिया है। यानी अब वह कोविड-19 के संक्रमण की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अपने स्तर पर परीक्षाएं कराने का प्लान तैयार कर सकेंगे। यह एक जुलाई से पहले भी हो सकता है और जुलाई के बाद भी हो सकता है।
जुलाई में परीक्षाएं कराने का सुझाव
इससे पहले यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को लेकर जारी किए गए एकेडमिक कैलेंडर में जुलाई में परीक्षाएं कराने का सुझाव दिया था। इसमें सबसे पहले अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं कराने को कहा था, जो एक से 15 जुलाई के बीच होनी थी। इसके बाद पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों की परीक्षाएं कराने को कहा था। इन्हें 15-30 जुलाई के बीच कराना था। इस बीच लॉकडाउन-5 और अनलॉक-एक के शुरू होते ही स्थितियां काफी बदल गई।
परामर्श से ही कोई फैसला
मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में विश्वविद्यालयों ने जून से ही परीक्षाएं शुरू करने का प्लान यूजीसी और राज्य सरकार को दिया है। हालांकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से इस मुद्दे पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के परामर्श से ही कोई भी निर्णय करने को कहा है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने को कहा
यूजीसी के चेयरमैन डॉ. डीपी सिंह के मुताबिक जो एकेडमिक कैलेंडर जारी किया गया था, वह तात्कालिक परिस्थितियों के आकलन के आधार पर तैयार किया गया था। साथ ही इनमें जो भी कहा गया था, वह एक सुझाव था। अब जब अनलाक-1 के बाद सारी गतिविधियां एक-एक कर शुरू हो गई हैं, तो परीक्षाएं भी हो सकती हैं। फिलहाल सभी से स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर निर्णय लेने को कहा गया है। साथ ही सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने को कहा गया है।
शिफ्टों में होगी परीक्षाएं
विश्वविद्यालयों ने परीक्षाओं का जो प्लान यूजीसी को भेजा है, उसके तहत सभी छात्रों की एक साथ परीक्षाएं नहीं होंगी। इन्हें अलग-अलग शिफ्टों में कराया जाएगा, ताकि भीड़ न हो सके। फिलहाल कई विश्वविद्यालयों ने इसे तीन शिफ्टों में यानी सुबह, दोपहर और शाम को कराने की योजना बनाई है। वहीं एक शिफ्ट में बीए, बीएससी, बीकाम जैसे किसी एक कोर्स से जुड़े छात्रों की ही परीक्षा होगी। बैठक व्यवस्था भी ऐसी करने को कहा गया है, जिसमें एक सीट से दूसरे सीट की दूरी दो गज से ज्यादा हो।