Move to Jagran APP

बेड़ियों में जकड़ा जम्मू कश्मीर 70 साल बाद आज होगा आजाद, जानें- क्या होंगे राज्य में अहम बदलाव

अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू कश्मीर के लोगों ने बहुत कुछ झेला है। अब कोई इसे याद भी नहीं करना चाहता।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 30 Oct 2019 06:53 PM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 12:28 AM (IST)
बेड़ियों में जकड़ा जम्मू कश्मीर 70 साल बाद आज होगा आजाद, जानें- क्या होंगे राज्य में अहम बदलाव
बेड़ियों में जकड़ा जम्मू कश्मीर 70 साल बाद आज होगा आजाद, जानें- क्या होंगे राज्य में अहम बदलाव

राज्य ब्यूरो, जम्मू। नये जम्मू कश्मीर में हर रोज की तरह 31 अक्टूबर को भी सूरज निकलेगा, लेकिन इसकी लालिमा जुदा होगी। नया जोश, नया उत्साह और नई व्यवस्था होगी। पूरे देश की तरह जम्मू कश्मीर में भी एक विधान, एक संविधान और एक निशान होगा। जम्मू कश्मीर दो केंद्र शासित प्रदेशों में पुनर्गठित हो जाएगा। इस एतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए जम्मू कश्मीर ही नहीं पूरा देश इंतजार कर रहा है। गिरीश चंद्र मुर्मू जम्मू कश्मीर और राधा कृष्ण माथुर लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में शपथ लेंगे। बेड़ियों में जकड़ा जम्मू कश्मीर सही मायने में अब आजाद होगा। 

prime article banner

70 वर्षों से भेदभाव, भ्रष्टाचार, अलगाववाद, आतंकवाद और परिवारवाद की राजनीति का कारण अस्तित्व में रहा अनुच्छेद 370 और 35ए 31 अक्टूबर के बाद इतिहास के पन्नों में दफन हो जाएगा। इन अनुच्छेद के कारण जम्मू कश्मीर के लोगों ने बहुत कुछ झेला है। अब कोई इसे याद भी नहीं करना चाहता। लोगों को उम्मीद है कि अंतिम सांसें ले रहा आतंकवाद और अलगाववाद नये जम्मू कश्मीर में पूरी तरह खत्म हो जाएगा।

जम्मू कश्मीर के हालात को अगर किसी ने सबसे ज्यादा झेला है तो वे हैं यहां के स्थानीय युवा। न रोजगार के साधन, न शिक्षा के उचित प्रबंध। भ्रष्टाचार में लिप्त तंत्र और परिवारशाही ने युवाओं की उम्मीदों को पूरी तरह से कुचल दिया था। मनोरंजन के नाम पर जले हुए सिनेमाघर और खेल के नाम पर उदासीनता। यही कारण रहा कि अलगाववाद ने युवाओं के हाथों में पत्थर और आतंकवाद ने बंदूक थमा दी। पूरे देश व दुनिया के सामने कश्मीर के युवा पत्थरबाज और आतंकी बन गए। अब स्थानीय युवाओं को उम्मीद है कि नये जम्मू कश्मीर में बदलाव होगा। केंद्र शासित प्रदेश बनने से रोजागार के अवसर बढ़ेंगे। मनोरंजन के साधन होंगे। खेलों में युवा दमखम दिखा सकेंगे। कश्मीर में पांच अगस्त के बाद पत्थरबाजी की नाममात्र घटनाओं ने साबित कर दिया है कि कश्मीर के युवा क्या चाहते हैं। जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से देश-विदेश से भारी निवेश की संभावना हैं। केंद्र सरकार जल्द ही जम्मू कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन भी कराने जा रही है।

केंद्रीय कानून भ्रष्टाचार पर लगाएंगे लगाम

भले ही राज्यपाल शासन में भ्रष्ट तंत्र पर चोट शुरू कर दी गई और हजारों करोड़ के घोटाले सामने आए हों, मगर अब भी सख्त कानूनों के अभाव में भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा पूरी तरह से नहीं कसा जा सका। केंद्रीय कानून लागू होने के साथ अब यह काम और सख्ती से किया जा सकेगा। भ्रष्ट तंत्र को चोट पहुंचेगी और तेज विकास की राह खुलेगी। इससे कश्मीर फिर से स्वर्ग बन पाएगा। पंचायतों के सशक्तीकरण से राज्य में ग्रामीण लोकतंत्र की जड़ें मजबूत होंगी। केंद्र सरकार सीधे पंचायतों के खाते में पैसा भेज रही है। अभी तक केंद्र के पैसे पर कुछ ही लोग कुंडली मारे रहते थे। फिर भ्रष्टाचार का ऐसा खेल खेला जाता था कि आम नागरिक मूलभूत सुविधाओं की बाट जोहता रहता था, मगर अब ऐसा नहीं होगा।

कर्मचारी भी हैं खासे उत्साहित

31 अक्टूबर का दिन जम्मू कश्मीर के 4.5 लाख कर्मचारियों के लिए दिवाली से कम नहीं होगा। केंद्र सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है कि राज्य कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान ही सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा। इस फैसले से कर्मचारी खासे उत्साहित हैं।

बेटी कभी पराई नहीं होगी

जम्मू कश्मीर व लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने से राज्य की बेटियां बेहद खुश हैं। अनुच्छेद 370 की वजह से पहले जम्मू कश्मीर से बाहर ब्याही गई बेटियों व उनके बच्चों के सारे अधिकार खत्म हो जाते थे। वह अपने पिता की संपत्ति से भी वंचित हो जाती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब जम्मू कश्मीर की बेटी कभी पराई नहीं होगी।

अब गुलाम कश्मीर होगा मुद्दा

अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से ही पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान जम्मू कश्मीर को हमेशा विवादित क्षेत्र कहकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जाने की गीदड़ भभकी देता रहता था। 31 अक्टूबर के बाद पाकिस्तान की यह साजिश भी पूरी तरह नाकाम हो जाएगी। जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद अब मुद्दा कश्मीर नहीं बल्कि गुलाम कश्मीर बनेगा। दिवाली के दिन राजौरी में जवानों के बीच पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर की कसक मेरे अंदर है। इसके अलावा लद्दाख भी केंद्र शासित बनने से क्षेत्र में चीन का दखल कम होगा।

यह भी पढ़ें: राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले भाजपा और RSS के बड़े नेताओं की बैठक

यह भी पढ़ें: केसी त्‍यागी का बड़ा बयान: केंद्र की PM मोदी सरकार में शामिल होने को JDU तैयार, लेकिन ये है शर्त


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.