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केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा, खाद की नहीं है कोई कमी, आपूर्ति की दैनिक निगरानी करें राज्य

मांडविया ने पिछले कुछ समय के दौरान डीएपी की बढ़ी मांग की पूर्ति के लिए राज्यों के प्रयासों को सराहा। उर्वरक मंत्री ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराना केंद्र और राज्यों की सम्मिलित जिम्मेदारी है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Tue, 23 Nov 2021 07:48 PM (IST)Updated: Tue, 23 Nov 2021 07:54 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री मांडविया ने कहा, खाद की नहीं है कोई कमी, आपूर्ति की दैनिक निगरानी करें राज्य
रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया की फाइल फोटो

नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार ने देश में खाद की कमी से इन्कार किया है। रसायन व उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को कहा कि देश में किसी भी खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने राज्यों से यूरिया की बिक्री किसी भी उद्योग को किए जाने से रोकने और मांग की दैनिक निगरानी करने को भी कहा।

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उर्वरक मंत्री ने मंगलवार को राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ देश में खाद उपलब्धता की वर्चुअल माध्यम से समीक्षा की। इस समीक्षा में 18 राज्यों के कृषि मंत्री मौजूद थे। इस दौरान उन्होंने राज्यों से नैनो यूरिया और आर्गेनिक खाद जैसे नवीन विकल्पों के प्रचार-प्रसार की संभावनाएं भी खंगालने को कहा। मांडविया का कहना था कि राज्यों ने खाद की जब और जितनी जरूरत बताई है, उन्हें केंद्र सरकार ने उसी वक्त उतनी खाद की आपूर्ति सुनिश्चित की है। खाद का पर्याप्त उत्पादन हो रहा है और अभी कोई किल्लत नहीं है।

डीएपी की बढ़ी मांग की पूर्ति के लिए राज्यों के प्रयासों को सराहा
मांडविया ने पिछले कुछ समय के दौरान डीएपी की बढ़ी मांग की पूर्ति के लिए राज्यों के प्रयासों को सराहा। उर्वरक मंत्री ने कहा कि किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराना केंद्र और राज्यों की सम्मिलित जिम्मेदारी है। यह भी जरूरी है कि खाद की जिला स्तर पर मांग की साप्ताहिक समीक्षा होती रहे। इसकी जरूरत इसलिए है क्योंकि कई जिलों में खाद का जरूरत से अधिक स्टाक पड़ा हुआ है।

ज्यादातर राज्यों में रबी फसल की बुआई कर रहे हैं किसान

बता दें कि देश के ज्यादातर राज्यों में किसान खाद की कमी से परेशान हैं। लगातार खाद नहीं मिलने की आ रही सूचनाओं के बाद केंद्रीय मंत्री ने बैठक की और यह बयान जारी किया है। हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, बिहार और राजस्थान जैसे राज्यों में किसान रबी फसलों की बुवाई कर रहे हैं।


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