केंद्रीय मंत्री जावडेकर ने कहा- आढ़तियों के यहां आयकर छापों से राजनीतिक दल क्यों हैं नाराज
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सवाल किया कि यदि आढ़तियों के यहां आयकर छापे पड़े हैं तो कुछ राजनीतिक दल नाराज क्यों हैं? पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने वाले आढ़तियों को डराने-धमकाने की तरकीब अपना रही है
नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने मंगलवार को सवाल किया कि यदि आढ़तियों के यहां आयकर छापे पड़े हैं तो कुछ राजनीतिक दल नाराज क्यों हैं? उन्होंने अपने एक ट्वीट में यह भी पूछा है कि इन दलों का उनसे क्या रिश्ता है?
आढ़तियों के खिलाफ आयकर छापे: केंद्र सरकार कर रही 'बदले की राजनीति': सीएम अमरिंदर
इसके पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया था कि केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों का समर्थन करने वाले आढ़तियों को डराने-धमकाने की तरकीब अपना रही है और 'बदले की राजनीति' कर रही है। उन्होंने आढ़तियों के खिलाफ आयकर छापों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन के लिए दबाव की रणनीति करार दिया था।
कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ जुटाए एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर
किसानों के आंदोलन का मुखर समर्थन कर रही कांग्रेस अपनी अंदरूनी उठापटक में ऐसी उलझी है कि कृषि कानूनों के खिलाफ जुटाए गए एक करोड़ लोगों के हस्ताक्षर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपने का फैसला नहीं कर पा रही है। कृषि कानूनों के खिलाफ जुटाए गए इन हस्ताक्षरों को नवंबर महीने में ही राष्ट्रपति को सौंपने की कांग्रेस की योजना थी, लेकिन बिहार चुनाव के नतीजों के बाद अंदरूनी खींचतान तेज होने के कारण पार्टी अपने विरोध आंदोलन को तार्किक मुकाम देने को लेकर दुविधा में है।
कांग्रेस ने देशभर में कृषि कानूनों के खिलाफ किया विरोध आंदोलन
संसद के मानसून सत्र में कृषि कानूनों के पारित होने के बाद कांग्रेस ने पूरे अक्टूबर महीने में देशभर में इसके खिलाफ हर स्तर पर विरोध आंदोलन किया और लोगों के हस्ताक्षर भी जुटाए। इन कानूनों को लेकर किसानों के समर्थन में अपने आंदोलन की कांग्रेस ने जो रूपरेखा तय की थी उसके हिसाब से कृषि कानूनों के विरोध में जुटाए हस्ताक्षर को 14 नवंबर के आस-पास इन्हें राष्ट्रपति को सौंपे जाने थे, लेकिन उससे पहले ही बिहार चुनाव के बड़े झटके ने कांग्रेस नेतृत्व की मुसीबत बढ़ा दी।
कांग्रेस सोचती ही रही तब तक किसान संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया
असंतुष्ट गुट के नेताओं की इस बीच तेज हुई गोलबंदी ने पार्टी हाईकमान को राहत नहीं लेने दी। पार्टी अभी अपने आंदोलन को मंजिल देने की दुविधा से निकल भी नहीं पाई थी तब तक सारा लाइमलाइट किसान संगठनों ने आंदोलन शुरू कर दिया।
कांग्रेस की दुविधा
राजनीतिक पार्टियां किसान संगठनों के आंदोलन से दूर हैं, बावजूद इसके भाजपा सरकार इसके पीछे विपक्षी दलों की भूमिका का आरोप लगाने से परहेज नहीं कर रही। ऐसे में राष्ट्रपति को कृषि कानूनों के खिलाफ जुटाए हस्ताक्षर सौंपने की कांग्रेस की दुविधा कायम है।