वैक्सीन लगवाने से पुरुषों-महिलाओं में बांझपन का कोई सुबूत नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया स्पष्ट
वैक्सीन लगवाने को लेकर बांझपन अथवा प्रजनन क्षमता को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों और भ्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूर किया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन लगवाने के बाद महिलाओं अथवा पुरुषों में बांझपन का कोई वैज्ञानिक सुबूत नहीं है...
नई दिल्ली, पीटीआइ। वैक्सीन लगवाने को लेकर बांझपन अथवा प्रजनन क्षमता को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों और भ्रम को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दूर किया है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वैक्सीन लगवाने के बाद महिलाओं अथवा पुरुषों में बांझपन का कोई वैज्ञानिक सुबूत नहीं है और प्रजनन क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है। मंत्रालय ने आश्वस्त किया वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है।
अफवाहों पर आया बयान
मंत्रालय का यह बयान मीडिया में आईं उन खबरों को लेकर आया है जिनमें कोरोना वैक्सीन के चलते प्रजनन आयु के लोगों के बीच बांझपन को लेकर चिंता जताई गई थी। मंत्रालय ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मीडिया में आईं कुछ खबरों में नर्सों सहित स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के कíमयों के एक वर्ग में विभिन्न अंधविश्वासों और मिथकों की व्यापकता को उजागर किया गया है।
प्रजनन क्षमता नहीं होती है प्रभावित
बयान में कहा गया कि पोलियो और खसरा-रूबेला के खिलाफ टीकाकरण अभियान के दौरान भी इस तरह की भ्रामक बातें और अफवाहें फैलाई गई थीं। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि उपलब्ध टीकों में से कोई भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करता है, क्योंकि सभी टीकों का परीक्षण पहले जानवरों और बाद में मनुष्यों पर किया जाता है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इनका कोई दुष्प्रभाव तो नहीं है।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं वैक्सीन
मंत्रालय ने कहा कि वैक्सीन को उनकी सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित होने के बाद ही उपयोग में लाया जाता है। विशेषज्ञों के राष्ट्रीय समूह (एनईजीवीएसी) ने स्तनपान कराने वाली सभी महिलाओं को वैक्सीन लगवाने की सिफारिश की है। समूह ने इसे सुरक्षित बताते हुए कहा कि वैक्सीन लगवाने से पहले या बाद में महिलाओं को स्तनपान रोकने की कोई जरूरत नहीं है।