Move to Jagran APP

कोरोना के इलाज में अब हाइड्रोक्लोरोक्विन, आइवरमेक्टिन और फेविपीरावीर का इस्तेमाल नहीं

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की सूची से आइवरमेक्टिन हाइड्रोक्लोरोक्विन और फेविपीरावीर दवाइयों को हटा दिया है। इसके साथ ही दवाइयों की उचित इस्तेमाल और जांच को लेकर मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 06:47 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 11:34 PM (IST)
कोरोना के इलाज में अब हाइड्रोक्लोरोक्विन, आइवरमेक्टिन और फेविपीरावीर का इस्तेमाल नहीं
सरकार ने कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की सूची से कई दवाओं को हटा दिया है।

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की सूची से आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्लोरोक्विन और फेविपीरावीर दवाइयों को हटा दिया है। इसके साथ ही दवाइयों की उचित इस्तेमाल और जांच को लेकर मंत्रालय ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।

loksabha election banner

बड़े पैमाने पर हो रहा था इस्‍तेमाल

मंत्रालय की तरफ से जारी नौ पेज के दिशानिर्देशों में आइवरमेक्टिन, हाइड्रोक्लोरोक्विन और फेविपीरावीर के इस्तेमाल का जिक्र नहीं किया गया है। कोरोना संक्रमण के इलाज में डाक्टरों द्वारा इन दवाइयों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा था। इससे पहले भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा जारी दिशानिर्देशों में निश्चित मात्रा में आइवरमेक्टिन के इस्तेमाल का उल्लेख किया गया था।

जिंक और मल्टीविटामिन को भी हटाया

जिंक और मल्टी विटामिन जैसी दवाइयों का भी नए दिशानिर्देश में उल्लेख नहीं है। डॉक्टर बिना लक्षण या हल्के संक्रमण वाले मरीजों इनका इस्तेमाल की सलाह दे रहे थे। लक्षण वाले मरीजों को एंटी-पायरेटिक और एंटी-ट्यूसिव दवा देने का उल्लेख किया गया है।

अस्पताल में भर्ती मरीजों की दवाइयों का जिक्र

दिशानिर्देशों में रेमडेसिविर के उपयोग का उल्लेख किया गया है और यह सलाह दी गई है कि ऑक्सीजन पूरक के रूप में इसे बीमारी की शुरुआत के 10 दिन के भीतर केवल चुनिंदा मध्यम/ गंभीर अस्पताल में भर्ती रोगियों को ही दिया जाए। इसी तरह तोसिलिजुमैब के इस्तेमाल का भी उल्लेख है। भारतीय दवा नियंत्रक (डीसीजीआइ) ने इस दवा को मंजूरी दी है। यह बताया गया है कि इस दवा का इस्तेमाल कब किया जाना चाहिए।

एचआरसीटी जांच की जरूरत कब

मंत्रालय की तरफ से यह संशोधित दिशानिर्देश पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में जारी किया गया। इसमें यह भी कहा है कि फेफड़े में कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए छाती का एचआरसीटी एक्सरे कब और क्यों कराना जरूरी है। घर पर रहने वाले मरीजों को लेकर भी कुछ आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। उन्हें अपने स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखनी है।

मास्क और शारीरिक दूरी जरूरी

संशोधित दिशानिर्देशों में मास्क पहनने, दो गज की दूरी बनाए रखने और समय-समय पर हाथ धोते रहने पर जोर दिया गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.