Move to Jagran APP

जलापूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने जारी किए छह हजार करोड़ रुपए, जानें किन राज्‍यों ने नहीं भेजा मसौदा

ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही छह हजार करोड़ रुपये जारी कर दिए। हालांकि 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस संबंध में अभी तक कोई मसौदा नहीं भेजा है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 30 May 2021 08:58 PM (IST)Updated: Sun, 30 May 2021 11:23 PM (IST)
जलापूर्ति के लिए केंद्र सरकार ने जारी किए छह हजार करोड़ रुपए, जानें किन राज्‍यों ने नहीं भेजा मसौदा
ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति के लिए केंद्र ने चालू वित्त वर्ष में छह हजार करोड़ रुपये जारी कर दिए।

नई दिल्ली, जेएनएन। ग्रामीण क्षेत्र में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही छह हजार करोड़ रुपये जारी कर दिए। यह राशि केवल 15 राज्यों के प्रस्तावों को मंजूर करने के साथ जारी की गई है। 17 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस संबंध में अभी तक कोई मसौदा नहीं भेजा है। जलशक्ति मंत्रालय की ओर से गाइडलाइन भी जारी की गई है, जिसके तहत इसके 93 फीसद धन का उपयोग जलापूर्ति के बुनियादी ढांचे पर किया जाएगा।

loksabha election banner

बढ़ने लगी पेयजल की समस्या

गर्मी बढ़ने के साथ ही देश के विभिन्न हिस्सों में पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है। इसके समाधान के लिए केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना को कारगर तरीके से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है। इसमें राज्यों का पूरा सहयोग लिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही का अंशदान जारी करते हुए शेष राज्यों से तत्काल प्रस्ताव भेजने को कहा है, ताकि उनके हिस्से की राशि निर्गत हो सके।

गाइडलाइन में सरकार ने कही यह बात

जलशक्ति मंत्रालय ने गाइडलाइन में कहा है कि जारी धनराशि का पांच फीसद सहायक गतिविधियों और दो फीसद पानी की शुद्धता जांचने वाली प्रणाली पर खर्च करें। जेजेएम के तहत जारी धनराशि का उपयोग नल से जल की आपूर्ति में किया जाएगा। केंद्र के हिस्से की धनराशि के साथ राज्यों को अपने हिस्से की राशि भी शामिल करनी होगी।

50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रविधान

जेजेएम के लिए वित्त वर्ष 2021-22 में 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का प्रविधान किया गया है। इसमें 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों वाली धनराशि (26,900 करोड़ रुपये) को भी शामिल किया जाएगा। वित्त आयोग की धनराशि का उपयोग पंचायती राज संस्थाएं जलापूर्ति और स्वच्छता अभियान में कर सकती हैं।

4.17 करोड़ घरों तक नल से जल

वैसे विभिन्न स्रोतों से ग्रामीण जल जीवन मिशन पर खर्च के लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। इसके तहत अगले तीन वर्षों में हर घर तक नल से जल पहुंचाने की योजना है। मिशन की शुरुआत वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। पिछले डेढ़ साल से कोरोना संक्रमण के प्रकोप और लाकडाउन के बावजूद जेजेएम की रफ्तार नहीं रुकी है। इस दौरान कुल 4.17 करोड़ घरों तक नल से जल पहुंचाने में सफलता मिली है। अब तक देश के कुल 38.62 फीसद ग्रामीण घरों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.