कोरोना काल में ही कौशल विकास 3.0 लांच करने की तैयारी, अगले पांच महीने में आठ लाख होंगे प्रशिक्षित
सरकार कोरोना काल में कौशल विकास कार्यक्रम के तीसरे चरण को लागू करने की तैयारी में जुट गई है। सरकार का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक आठ लाख युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। कोरोना काल में सरकार कौशल विकास कार्यक्रम के तीसरे चरण को लागू करने की तैयारी में जुट गई है। इस महीने के अंत तक या नंवबर में कौशल विकास 3.0 को शुरू किया जाएगा। सरकार का लक्ष्य चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक यानी अगले पांच महीने में आठ लाख युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराना है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय ने कौशल विकास मंत्रालय को इसके लिए पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही योजना को लागू करने में समय की कमी को देखते हुए जिला कौशल परिषद को पहले ही अलर्ट करने को कह दिया गया है। ताकि कार्यक्रम लांच होते ही उसका तेजी से क्रियान्वयन शुरू किया जा सके। कौशल विकास मंत्रालय से योजना के क्रियान्वयन के लिए दिशानिर्देश तैयार करने को कहा गया है।
दरअसल, पहले कौशल विकास 3.0 को इसी साल जुलाई से लांच करने की योजना थी, लेकिन कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पाया। बड़ी संख्या में प्रवासी कामगारों की घर वापसी को देखते हुए कौशल विकास की पूरी मशीनरी कामगारों की मैपिंग और उनके प्रशिक्षण की तैयारियों में जुट गई थी। उसी दौरान कौशल विकास मंत्रालय 'असीम' नाम से एक पोर्टल लांच करने में कामयाब रहा।
इस पोर्टल पर उद्योगों और प्रशिक्षित मजदूरों दोनों के बीच संवाद की व्यवस्था की गई ताकि उद्योगों की जरूरत के मुताबिक बेहतर कामगार मिल सकें और मजदूरों को भी अच्छे अवसर मिलें। देश खुलने और आíथक गतिविधियों के दोबारा शुरू होने के बाद प्रवासी कामगार अपने-अपने काम की ओर लौट रहे हैं। ऐसे में बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने की योजना पर फिर से काम शुरू किया गया।
सूत्रों के अनुसार, कौशल विकास 3.0 के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देने और रोजगार उपलब्ध कराने का पूरा जोर जिला स्तर पर होगा। जिला कौशल परिषद को स्थानीय स्तर पर मौजूद उद्योगों और रोजगार के अवसरों के अनुरूप प्रशिक्षण का कार्यक्रम तैयार करने को कहा गया है ताकि प्रशिक्षित युवाओं को अपने घर के आपपास ही रोजगार मिल सके।
प्रशिक्षित युवाओं की उपलब्धता से स्थानीय उद्योग-धंधों को भी बढ़ावा मिलेगा। ध्यान देने की बात है कि कौशल विकास 2.0 वर्ष 2016 से 2020 तक चला है। इस दौरान पूरे देश में लगभग एक करोड़ युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया गया जिनमें आधी से अधिक संख्या महिलाओं की है।