ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए चौतरफा प्रयास, वित्त मंत्री ने राज्यों को दिया भरोसा, स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाया यह कदम
देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के चौतरफा प्रयास शुरू हो गए हैं। ऑक्सीजन के आयात के लिए जहां कई विदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है वहीं देश के लगभग 100 अस्पतालों में इस माह के अंत तक आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के चौतरफा प्रयास शुरू हो गए हैं। ऑक्सीजन के आयात के लिए जहां कई विदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है, वहीं देश के लगभग 100 अस्पतालों में इस माह के अंत तक आक्सीजन का उत्पादन शुरू हो जाएगा। आक्सीजन आपूर्ति में होने वाली दिक्कतें दूर करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कंट्रोल रूम बनाया है। दूसरी तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यों को निर्बाध ऑक्सीजन आपूर्ति का भरोसा दिया है।
आपूर्ति का कोटा निर्धारित
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी देश में 7500 टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। 30 अप्रैल तक के लिए राज्यों को उनकी जरूरत के हिसाब से 6600 टन ऑक्सीजन आपूर्ति का कोटा निर्धारित कर दिया गया है। पिछले साल कोरोना काल में राज्यों की तरफ से 3000 टन ऑक्सीजन की मांग की गई थी।
कई कंपनियों ने दिखाई दिलचस्पी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि 50,000 टन ऑक्सीजन के आयात के लिए जारी टेंडर में कई विदेशी कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई है। इन कंपनियों ने 20 अप्रैल को भारत सरकार के उपक्रम एचएलएल के साथ बैठक की। टेंडर भरने की आखिरी तारीख 28 अप्रैल है। उसी दिन टेंडर जारी हो जाएगा। लेटर आफ क्रेडिट जारी होने के बाद 90 दिन के भीतर कंपनी को 50,000 टन ऑक्सीजन का आयात करना होगा।
देश के 162 अस्पतालों में उत्पादन की योजना
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 162 अस्पतालों में ऑक्सीजन के उत्पादन की योजना बनाई गई थी। इनमें से 32-33 अस्पतालों में यह सुविधा शुरू हो गई। माह के अंत तक 70 अन्य अस्पतालों में उत्पादन शुरू हो जाएगा। मंत्रालय ने बताया कि डीआरडीओ की तरफ से हवा से ऑक्सीजन बनाने वाली मशीन के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है। अभी दिल्ली में इस मशीन का इस्तेमाल होगा। बाद में अन्य जगहों पर भी इसका उपयोग हो सकता है।
वित्त मंत्री भी आगे आई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने औद्योगिक संगठन सीआइआइ (कन्फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री) की तरफ से आयोजित बैठक में बताया कि आपूíत बढ़ाने के लिए आयात के साथ घरेलू स्तर पर ऑक्सीजन भरने वाले प्लांट में 24 घंटे काम हो रहा है। नाइट्रोजन सप्लाई में इस्तेमाल होने वाले कंटेनर अब ऑक्सीजन सप्लाई में इस्तेमाल हो रहे हैं।
वित्त मंत्री ने दिया यह भरोसा
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि रेमडेसिविर उत्पादन को प्रतिमाह 36 लाख वायल से बढ़ाकर 78 लाख वायल किया जा रहा है। इसके आयात को शुल्क मुक्त कर दिया गया है। विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में बनने वाले रेमडेसिविर का इस्तेमाल भी अब घरेलू स्तर पर किया जा सकेगा।
उद्योग जगत कर रहे योगदान
ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए उद्योग जगत भी आगे आया है। बुधवार को टाटा समूह ने ऑक्सीजन की कमी दूर करने के लिए 24 क्राइयोजेनिक कंटेनर आयात करने की घोषणा की। टाटा स्टील पहले से ही रोजाना 200-300 टन ऑक्सीजन विभिन्न राज्यों के अस्पतालों को दे रही है।
रोजाना 700 टन सप्लाई कर रही रिलायंस
मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज भी रोजाना 700 टन ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है। स्टरलाइट कापर ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को रोजाना 1000 टन ऑक्सीजन सप्लाई करने के लिए पत्र लिखा है। स्टरलाइट ने कहा है कि कंपनी के पास दो ऑक्सीजन प्लांट हैं जिनकी रोजाना उत्पादन क्षमता 1000 टन की है। सरकार चाहे तो इनका इस्तेमाल कर सकती है।