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एक दिसंबर से मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए कदम उठाएं राज्‍य, केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश

केंद्र सरकार ने राज्‍य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए कदम उठाने को कहा है। साथ ही हिदायत दी है कि इस दौरान कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 10:15 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:15 PM (IST)
एक दिसंबर से मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए कदम उठाएं राज्‍य, केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश
केंद्र ने राज्‍य सरकारों से मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए कदम उठाने को कहा है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। केंद्र सरकार ने बुधवार को राज्‍य एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए कदम उठाने को कहा है। सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Rajesh Bhushan) ने यह भी हिदायत दी है कि इस कवायद के दौरान कोरोना से बचाव को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराया जाए।

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केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे पत्र में कहा है कि संबंधित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पर्याप्‍त संख्या में गैर कोविड बेड्स उपलब्ध कराए जाएं ताकि छात्रों को प्रशिक्षण मिल सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी बताया है कि मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए गृह मंत्रालय की सहमति मिल गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से 25 नवंबर को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं। हालांकि इस दौरान कि सभी कॉलेज महामारी के प्रसार को रोकने को लेकर केंद्र की ओर से जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने मेडिकल कॉलेजों को खोलने संबंधी यह यह निर्देश राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के फैसले के बाद दिया है। 

एनएमसी (National Medical Commission, NMC) ने बीते दिनों कहा था कि उसको छात्रों और मेडिकल कॉलेजों की ओर से कहा गया है कि मौजूदा बैच (2020) ने अपना जरूरी क्लिनिकल प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है। इसके बगैर प्रशिक्षु स्नातकोत्तर-नीट परीक्षा में बैठने के लिए योग्य नहीं होंगे। इसे देखते हुए एनएमसी ने कहा था कि प्रशिक्षण जल्द से जल्द पूरा हो यह बेहद जरूरी है। क्‍योंकि ऐसा होने पर ही 2021-2022 सत्र के लिए स्नातकोत्तर-नीट परीक्षा आयोजित कराई जा सकती है।  


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