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केंद्र के फैसले के बाद 22 राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में की कटौती, आंध्र और केरल ने किया इन्कार

पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने के भारत सरकार के फैसले के बाद देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी की है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 05 Nov 2021 10:36 PM (IST)Updated: Sat, 06 Nov 2021 09:32 AM (IST)
केंद्र के फैसले के बाद 22 राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में की कटौती, आंध्र और केरल ने किया इन्कार
देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी की है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमशः पांच रुपये और 10 रुपये की कमी करने के भारत सरकार के फैसले के बाद देश के 22 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी की है। केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक अभी भी देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट में कोई कमी नहीं की है। खासकर भाजपा शासित राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में वैट में कटौती से इन राज्यों में पेट्रोल की कीमतों में 8.7 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 9.52 रुपये प्रति लीटर तक की अतिरिक्त कमी हुई है।

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भाजपा ने विपक्ष पर उठाए सवाल 

केंद्र सरकार ने गत बुधवार को पेट्रोल पर लागू उत्पाद शुल्क में पांच रुपये प्रति लीटर और डीजल पर लागू शुल्क में दस रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। केंद्र की पहल के बाद भाजपा-शासित राज्यों ने स्थानीय वैट की दरों में कटौती की है जिससे देश के 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में पेट्रोल एवं डीजल के दाम में अलग-अलग स्तरों पर कटौती की गई है। हालांकि गैर-भाजपा शासित राज्यों जैसे महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और दिल्ली ने स्थानीय शुल्क में अभी कटौती नहीं की है। इसे लेकर भाजपा ने सवाल उठाए हैं।

राज्‍यों की स्थिति 

पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदशों में कर्नाटक, पुडुचेरी, बिहार, मध्य प्रदेश, गोवा, गुजरात, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, असम, सिक्किम, दादरा एवं नागर हवेली, दमन एवं दीव, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं लद्दाख शामिल हैं। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के स्तर पर की गई शुल्क कटौती अधिकतम जबकि उत्तराखंड सरकार के स्तर पर की गई कटौती सबसे कम है। उत्तराखंड ने पेट्रोल पर वैट में प्रति लीटर 1.97 रुपये की कटौती की है जबकि लद्दाख ने 8.97 रुपये की कटौती की है।

आंध्र प्रदेश ने आर्थिक बदहाली का हवाला दिया

आंध्र प्रदेश और केरल ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी करने से इन्कार कर दिया है। अमरावती में आंध्र प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इस मामले में अभी हमने कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन इस बात की संभावना बहुत कम है कि हम वैट में कमी करेंगे। हमारी खराब वित्तीय स्थिति इसकी अनुमति नहीं देती।'

केरल ने भी किया इन्‍कार

वहीं केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने कहा है कि राज्य सरकार पेट्रोल-डीजल पर कर के अपने हिस्से में कटौती नहीं करेगी। उन्होंने कहा, 'जब केंद्र सरकार ने अपना कर डीजल पर 10 रुपये और पेट्रोल पर पांच रुपये घटाया तो डीजल के मूल्य में 12.30 रुपये और पेट्रोल के मूल्य में 6.56 रुपये की कमी हुई। इसका मतलब है कि डीजल पर प्रतिलीटर अतिरिक्त 2.30 रुपये और पेट्रोल पर 1.56 रुपये की कमी राज्य का हिस्सा था।'

मेघालय ने प्रतिलीटर 5.20 रुपये वैट घटाया

मेघालय की डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर प्रतिलीटर 5.20 रुपये वैट कम करने की घोषणा की है। राज्य के उपमुख्यमंत्री प्रेस्टोन टिंसोंग ने यह घोषणा करते हुए दावा किया कि अब उनके राज्य में पेट्रोल और डीजल के दाम देश में सबसे कम होंगे।


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