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भारत-फिजी के बीच MoU को केंद्रीय कैबिनेट में मिली मंजूरी, कृषि क्षेत्र में सहयोग है मुद्दा

केंद्रीय कैबिनेट ने भारत-फिजी के बीच MoU को मंजूरी दी। यह समझौता कृषि व संबंधित सेक्टरों में सहयोग के लिए है। इस MoU पर हस्ताक्षर के बाद ही निर्धारित नियम प्रभावी हो जाएंगे और अगले 5 सालों के लिए यह अस्तित्व में रहेगा।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 03:07 PM (IST)Updated: Wed, 03 Mar 2021 03:43 PM (IST)
भारत-फिजी के बीच MoU को केंद्रीय कैबिनेट में मिली  मंजूरी, कृषि क्षेत्र में सहयोग है मुद्दा
भारत-फिजी के बीच MoU को केंद्रीय कैबिनेट में मिली मंजूरी

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को भारत-फिजी के बीच MoU को मंजूरी दी। यह समझौता कृषि व संबंधित सेक्टरों में सहयोग के लिए है। इस MoU पर हस्ताक्षर के बाद ही निर्धारित नियम प्रभावी हो जाएंगे और अगले 5 सालों के लिए यह अस्तित्व में रहेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत गणराज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय और फिजी गणराज्य के कृषि मंत्रालय के बीच कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाने की मंजूरी दी है।

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समझौता ज्ञापन के तहत, दोनों देशों की कार्यकारी एजेंसियों के माध्यम से एक संयुक्त कार्यकारी समूह (JWG) का गठन किया जाएगा, जो अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देगा तथा सहयोग-कार्यक्रमों की योजना बनाएगा और इनकी सिफारिश करेगा। जेडब्ल्यूजी प्रत्येक दो साल में बारी-बारी से भारत और फिजी में अपनी बैठक करेगा। इस MoU पर भारतीय कृषि व कृषक सुधार मंत्रालय व फिजी के कृषि मंत्रालय ने हस्ताक्षर किया। 

भारत और फिजी के बीच हुए MoU के तहत जिन क्षेत्रों में सहयोग प्रदान करेगा वो निम्न हैं:-

- अनुसंधान कर्मियों, विज्ञान विशेषज्ञों, विशेषज्ञों और तकनीकी प्रशिक्षुओं का आदान-प्रदान किया जा सकेगा।

- प्रौद्योगिकी का संवर्धन और हस्तांतरण; कृषि विकास के लिए अवसंरचना का विकास; सेमिनार और कार्यशालाएं आयोजित करके अधिकारियों और किसानों के प्रशिक्षण के माध्यम से मानव संसाधन का विकास भी इसमें शामिल है।

- साथ ही दोनों देशों के निजी क्षेत्रों के बीच संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देना भी इसमें शामिल है। 

- इसमें कृषि वस्तुओं के विपणन और मूल्य संवर्धन / डाउनस्ट्रीम प्रसंस्करण में निवेश को बढ़ावा देने के साथ कृषि के सभी क्षेत्रों में क्षमता विकास को बढ़ावा देना भी है। 

- बाजार तक पहुंच के माध्यम से कृषि उत्पादों के प्रत्यक्ष व्यापार को बढ़ावा देना व अनुसंधान प्रस्तावों की संयुक्त योजना और विकास तथा अनुसंधान परियोजनाओं और कार्यक्रमों का कार्यान्वयन; पादप स्वच्छता के मुद्दों से निपटने के लिए भारत-फिजी कार्यकारी समूह का गठन और दोनों पक्षों की आपसी सहमति के आधार पर सहयोग का कोई अन्य रूप।


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