कोरोना संकट के चलते दक्षिण एशिया के 2.2 करोड़ बच्चे हो रहे हैं प्रारंभिक शिक्षा से वंचित
कोरोना फैलने के कारण भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों के करीब 2.2 करोड़ बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा से वंचित हो गए हैं। यूनिसेफ के अध्ययन में यह सामने आया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। कोरोना वायरस महामारी फैलने के कारण भारत सहित दक्षिण एशियाई देशों के करीब 2.2 करोड़ बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा से वंचित हो गए हैं। यह बात यूनिसेफ के नए अध्ययन की रिपोर्ट में सामने आई है। बुधवार को जारी रिपोर्ट में दुनिया भर में बच्चों की देखभाल की स्थिति, शुरुआती शिक्षा और कोविड-19 के कारण महत्वपूर्ण पारिवारिक सेवाओं के बंद होने के पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण किया गया है।
यूनिसेफ ने दक्षिण एशिया में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका को अपने अध्ययन में शामिल किया है। दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक जीन गो ने कहा है, 'कोविड-19 महामारी से दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। लंबे समय से स्कूल के बंद रहने और दूरस्थ शिक्षा की सीमित उपलब्धता के कारण वे अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं।'
दक्षिण एशिया के लिए यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक जीन गो ने कहा कि कोरोना से दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों में बच्चे भी शामिल हैं। लंबे वक्त से स्कूल के बंद रहने और दूरस्थ शिक्षा की सीमित पहुंच के कारण वे अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। बच्चों की देखभाल और शुरुआती शिक्षा उन्हें उनकी अधिकतम क्षमता का अहसास कराने में मदद करती है। यदि अभी भी कुछ करने में असफल रहे तो क्षेत्र के करोड़ों बच्चों का भविष्य खराब हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना महामारी इस साल करीब और 13 करोड़ लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। रिपोर्ट की मानें तो पिछले साल दुनियाभर में भुखमरी के कगार पर पहुंचे लोगों की संख्या में करीब एक करोड़ का इजाफा हुआ था। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने यह आकलन खाद्य सुरक्षा एवं पोषण की स्थिति पर हालिया रिपोर्ट के बाद जारी किया था।