यूनीसेफ रिपोर्ट: पर्यावरण में बदलाव के चलते आने वाले वर्षों में भारतीय बच्चों का जीवन होगा और मुश्किल
2020 के दुनिया के 30 सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाले शहरों में 21 केवल भारत के थे। यूनीसेफ के भारत में प्रतिनिधि डा. यास्मीन अली हक के अनुसार पर्यावरण में बदलाव वास्तव में बच्चों के लिए त्रासदी होगी। साल दर साल उनके लिए समस्याएं बढ़ती जाएंगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत उन चार दक्षिण एशियाई देशों में शामिल है जहां के बच्चों पर पर्यावरण के बदलाव का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। यह असर उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा से जुड़ा हुआ होगा। यह बात संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और बाल अधिकारों पर कार्य करने वाली संस्था यूनीसेफ की ताजा रिपोर्ट में कही गई है।
बाढ़, भूकंप, प्रदूषित हवा का बाल जीवन पर पड़ने वाले असर का आकलन
इस रिपोर्ट में समुद्री तूफानों, बाढ़, भूकंप, प्रदूषित हवा और तापमान बढ़ने का बाल जीवन पर पड़ने वाले असर का आकलन किया गया है। दक्षिण एशिया के चार देशों- भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान पर पर्यावरण के बदलाव का बड़ा असर होने की आशंका है। इन देशों के बच्चों को अत्यधिक उच्च खतरे के दायरे में बताया गया है।
यूनीसेफ: बच्चों के खतरे की रैंकिंग में भारत 26 वें स्थान पर
यूनीसेफ ने खतरे की जो रैंकिंग तय की है उसके अनुसार पाकिस्तान 14 वें, बांग्लादेश 15 वें, अफगानिस्तान 25 वें और भारत 26 वें स्थान पर है। इस रिपोर्ट में एक से 33 वें स्थान तक के देशों को अत्यंत उच्च खतरे वाली श्रेणी में रखा गया है। इन 33 देशों में करीब एक अरब बच्चे रहते हैं। इन बच्चों का बड़ा हिस्सा चार दक्षिण एशियाई देशों में रहता है।
60 करोड़ भारतीयों के लिए होगी पानी की भारी किल्लत
एक अनुमान के अनुसार 60 करोड़ से ज्यादा भारतीय आने वाले दशकों में पानी की भारी किल्लत का सामना करेंगे। इसी दौरान भारत के शहरी इलाके बाढ़ का सामना भी करेंगे। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि कुछ ही वर्षों में वैश्विक तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका होगा।
पर्यावरण में बदलाव बच्चों के लिए होगी त्रासदी
उल्लेखनीय है कि 2020 के दुनिया के 30 सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा वाले शहरों में 21 केवल भारत के थे। यूनीसेफ के भारत में प्रतिनिधि डा. यास्मीन अली हक के अनुसार पर्यावरण में बदलाव वास्तव में बच्चों के लिए त्रासदी होगी। साल दर साल उनके लिए समस्याएं बढ़ती जाएंगी।
नेपाल, श्रीलंका और भूटान विकास की दौड़ में पिछड़े, लेकिन बच्चों की दशा बेहतर होगी
भारत के पड़ोसी देश नेपाल, श्रीलंका और भूटान भले की विकास की दौड़ में पिछड़े दिखाई देते हों, लेकिन उनके बच्चों की दशा बेहतर होगी। ये देश यूनीसेफ की सूची में क्रमश: 51 वें, 61 वें और 111 वें नंबर पर हैं। इसका मतलब यह है कि भूटान के बच्चे आसपास के देशों के बच्चों में सबसे ज्यादा अच्छी स्थिति में होंगे।