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सोपोर मार्च नाकाम, लहराए गए आइएस के झंडे

पाक रमजान का पहला दिन वादी में बंद, प्रदर्शन व पाबंदियों के नाम रहा। अलगाववादियों ने सोपोर चलो मार्च को सफल बनाने का भरपूर प्रयास किया, जिसे पुलिस ने कड़ाई से नाकाम बना दिया। इस दौरान जहां उत्तरी कश्मीर के सोपोर में कफ्र्यू जैसे हालात के बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों

By Shashi BhushanEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2015 09:11 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2015 10:03 PM (IST)
सोपोर मार्च नाकाम, लहराए गए आइएस के झंडे

जागरण ब्यूरो, श्रीनगर। पाक रमजान का पहला दिन वादी में बंद, प्रदर्शन व पाबंदियों के नाम रहा। अलगाववादियों ने सोपोर चलो मार्च को सफल बनाने का भरपूर प्रयास किया, जिसे पुलिस ने कड़ाई से नाकाम बना दिया। इस दौरान जहां उत्तरी कश्मीर के सोपोर में कफ्र्यू जैसे हालात के बीच पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हुई। वहीं, दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में हड़ताल के दौरान आतंकी संगठन आइएसआइएस के झंडे लहराए गए।

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श्रीनगर में भी हड़ताल व प्रशासनिक पाबंदियों के बीच एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज नहीं हो पाई। इस दौरान सात पुलिस थाना क्षेत्रों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रही।वहीं छह जून से लगातार अपने घर में नजरबंद कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी ने अपने कुछ समर्थकों के साथ सुबह नजरबंदी तोड़ सोपोर जाने का प्रयास किया, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया।

पीपुल्स पॉलीटिकल पार्टी के चेयरमैन हिलाल अहमद वार को पुलिस ने राजबाग स्थित उनके कार्यालय से गिरफ्तार कर लिया।गौरतलब है कि सोपोर में गत दिनों पूर्व आतंकियों व अलगाववादी नेताओं के समर्थकों की हत्याओं के खिलाफ अलगाववादी संगठनों ने सोपोर चलो मार्च का एलान किया था। पुलिस ने मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, मौलाना अब्बास अंसारी को पहले ही नजरबंद कर लिया था।

यासीन मलिक को बुधवार की रात को हिरासत में लिया गया था, जबकि शब्बीर शाह व नईम अहमद खान को पहले नजरबंद रखा गया था, लेकिन गत रोज उन्हें भी हिरासत में लिया गया। इसके अलावा सोपोर की तरफ आने-जाने वाले सभी रास्ते सील रहे। पुलिस और अर्धसैनिकबलों की टुकडि़यों को सभी संवेदनशील इलाकों में तैनात रखा गया था। हालांकि सिर्फ सोपोर मार्च का आह्वान था, लेकिन प्रशासनिक पाबंदियों के चलते किसी जगह कोई दुकान या अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान नहीं खुला। सरकारी कार्यालय जरूर खुले, लेकिन कर्मचारियों की उपिस्थति नाममात्र रही।

यह आलम सिर्फ श्रीनगर या सोपोर तक सीमित नहीं था, काजीगुंड, अनंतनाग, बारामुला, कुपवाड़ा, बड़गाम, गांदरबल, त्राल और शोपियां समेत हर जगह हड़ताल का असर दिखा। बंद के दौरान स्थिति कुल मिलाकर शांत रही, लेकिन अनंतनाग में आइएसआइएस के झंडे लेकर जुलूस निकाल रहे युवकों को ¨हसा पर उतरते देख पुलिस ने भी हल्का बल प्रयोग किया।

सोपोर में नमाज के बाद जमा हुए युवकों ने आजादी समर्थक नारेबाजी करते हुए मुख्यचौक में सीआरपीएफ के बंकर पर पत्थरों से हमला किया। स्थिति को बिगड़ने से बचाने के लिए पुलिस ने लाठियों और आंसूगैस का सहारा ले अमन कायम किया।


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