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धन के अभाव में अफगानिस्‍तान के हालात हो सकते हैं बद से बदतर, जानें- कहांं से मिल सकती है तालिबान को मदद

धन के अभाव में अफगानिस्‍तान के हालात आने वाले दिनों में और अधिक खराब हो सकते हैं। अमेरिका ने पहले ही करोड़ों डालर की राशि की निकासी पर पाबंदी लगा दी है। आईएमएफ भी यही कदम उठा चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 12:52 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 01:44 PM (IST)
धन के अभाव में अफगानिस्‍तान के हालात हो सकते हैं बद से बदतर, जानें- कहांं से मिल सकती है तालिबान को मदद
अफीम की खेती के मामले में अफगानिस्‍तान बहुत आगे है।

वाशिंगटन (रायटर्स)। अफगानिस्‍तान में तालिबान के आने और उसके सरकार गठन करने के बाद भी अनिश्चितता का माहौल है। अमेरिका ने आगाह किया है कि अफगानिस्‍तान में जबरदस्‍त तंगी का दौर आने वाला है। ये तंगी इस कदर हाफी होगी कि सब कुछ बिखर सकता है। अमेरिका का यहां तक कहना है कि अफगानिस्‍तान में इसके चलते भूखमरी और गरीबी का बुरा दौर आ सकता है। इसकी एक बड़ी वजह अमेरिका द्वारा अफगानिस्‍तान की विदेशों में जमा रकम की निकासी पर लगाम लगाना है। ये रकम करोड़ों डालर की है। इसमें काफी बड़ी मात्रा में सोना भी है।

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ऐसे में ये सवाल उठता है कि आखिर अफगानिस्‍तान की मौजूदा तालिबानी सरकार के पास धन कहां से आएगा। आपको बता दें कि चीन ने तालिबान सरकार को ये विश्‍वास दिलाया है कि वो उसके लिए फंड मुहैया करवाएगा।चीन का कहना है कि वो अफगानिस्तान को 200 मिलियन युआन मूल्य के अनाज, सर्दियों की आपूर्ति, वैक्सीन और दवाइयां देगा। इसके अलावा चीन ने 30 लाख कोरोना टीके देने की भी बात कही है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी का कहना है कि चीन अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था को दोबारा खड़ा करने के लिए अन्‍य देशों के साथ मिलकर काम करेगा। रूस ने भी अफगानिस्‍तान के आर्थिक संकट को दूर करने के लिए मदद का आश्‍वासन दिया है।  

इसके अलावा बता दें कि वर्षों से तालिबान की कमाई का सबसे बड़ा जरिया यहांं पर होने वाली अफीम की खेती रही है। यहां से ये अफीम विभिन्‍न रूपों में दुनिया के विभिन्‍न  देशों में जाती है। नशे का कारोबार तालिबान की सरकार में पहले भी फलता फूलता रहा है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है लेकिन ये एक कड़वी सच्‍चाई है कि यहां से करीब 90 देशों में इसकी सप्‍लाई की जाती है। 

भले ही इसके अफीम के उत्पादन में अफगानिस्‍तान विश्‍व का नंबर वन देश नहीं है, लेकिन इसके बावजूद नशीले पदार्थों के इस्‍तेमाल में ये काफी आगे है। यहां पर अफीम से बनने वाली हेरोइन के शिकार करीब 30 लाख लोग हैं। इसकी रोकथाम के मामले में अफगानिस्‍तान इसलिए भी विफल रहा है क्‍योंकि यहां पर भ्रष्‍टाचार काफी चरम पर रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक ही वर्ष 2020 में यहां पर 2,300 टन अफीम की खेती हुई है। हैरानी की बात ये भी है कि पूरी दुनिया में इसके कारोबार में अफगानिस्‍तान की करीब 90 फीसद तक की हिस्‍सेदारी है जो विभिन्‍न माध्‍यमों और रास्‍तों के जरिए दुनियाभर में पहुंचती है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक हाल में अफगानिस्तान में अफीम की खेती में बढ़ोतरी देखने को मिली है।


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