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छत्तीसगढ़ : पार्वती ने जगाई मानसिक रूप से स्वस्थ हो चुके 32 लोगों की 'उम्मीद'

कोलकाता की पार्वती ने राज्य मानसिक चिकित्सालय में स्वस्थ होकर परिजन के साथ अपनी जिंदगी की नई पारी की शुरुआत करने वाले 32 लोगों की उम्मीद जगा दी है।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 06:05 AM (IST)
छत्तीसगढ़ : पार्वती ने जगाई मानसिक रूप से स्वस्थ हो चुके 32 लोगों की 'उम्मीद'
छत्तीसगढ़ : पार्वती ने जगाई मानसिक रूप से स्वस्थ हो चुके 32 लोगों की 'उम्मीद'

बिलासपुर, जेएनएन। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने राज्य मानसिक चिकित्सालय में ठीक हुए 32 लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए 'उम्मीद' योजना की शुरुआत की है। स्वस्थ हो चुके लोग तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, असम, ओडिशा और नई दिल्ली के हैं। मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के बाद ये भटकते-भटकते छत्तीसगढ़ पहुंच गए थे। यहां आने के बाद उन्हें राज्य मानसिक चिकित्सालय बिलासपुर में भर्ती कराया गया था। प्राधिकरण का दावा है कि 'उम्मीद' देश में अपनी तरह का पहला अभियान है।

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कोलकाता की पार्वती ने राज्य मानसिक चिकित्सालय में स्वस्थ होकर परिजन के साथ अपनी जिंदगी की नई पारी की शुरुआत करने वाले 32 लोगों की उम्मीद जगा दी है। पार्वती जब बिलासपुर के राज्य मानसिक चिकित्सालय में पहुंची थी तब वह न तो कुछ समझ पा रही थीं और न ही कुछ बता पाने की स्थिति में थीं, लेकिन चिकित्सकों की मेहनत रंग लाई। तीन साल तक चिकित्सकों की देखरेख के बाद स्वस्थ हुई पार्वती को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अफसरों ने कोलकाता स्थित उसके घर पहुंचाया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारी शशांक दुबे का दावा है कि चीफ जस्टिस के निर्देश पर ही 'उम्मीद' योजना बनाई गई है। यह देश में अपनी तरह की पहली योजना है। राज्य मानसिक चिकित्सालय के अधिकारियों की सेवा भावना का ही प्रतिफल है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ हालत में अस्पताल में भर्ती 32 लोगों को नई जिंदगी मिली है। अब ये सभी सामान्य व्यक्तियों की तरह अस्पताल में रह रहे हैं।

काउंसिलिंग के जरिए हासिल की जानकारी

राज्य मानसिक चिकित्सालय के चिकित्सकों ने स्वस्थ हो चुके लोगों से अलग-अलग काउंसिलिंग शुरू की। शुरुआत में ये लोग कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं थे। धीरे-धीरे इनकी याददाश्त वापस आने लगी। फिर अपने पिता व अन्य परिजन के नाम बताने लगे। चिकित्सकों की कोशिश रंग लाई। इन लोगों ने अपने घर का पता भी बता दिया है। बताए गए पते पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, असम, ओडिशा और नई दिल्ली के विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारियों से संपर्क कर इनके द्वारा बताए गए पते की सही जानकारी जुटाने को कहा है। पूरी जानकारी मिलने के बाद इन्हें परिजन के हवाले किया जाएगा।


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