इंजीनियरिंग छात्रों को यूजीसी की सलाह, देखने जाएं अटल टनल, विश्वविद्यालयों और कालेजों को लिखी चिट्ठी
यूजीसी ने इसे लेकर देश भर के विश्वविद्यालयों और कालेजों को पत्र लिखा और कहा है कि वह संस्थानों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इस अनूठी के टनल के बारे में बताएं और उन्हें इसे देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
नई दिल्ली, जेएनएन। वाहनों के आवागमन के लिहाज से बनाई गई दुनिया की फिलहाल सबसे लंबी अटल टनल अब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए प्रेरणा का एक बड़ा स्थल बनेगी। यूजीसी ने इसे लेकर देश भर के विश्वविद्यालयों और कालेजों को पत्र लिखा और कहा है कि वह संस्थानों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इस अनूठी के टनल के बारे में बताएं और उन्हें इसे देखने के लिए प्रोत्साहित करें।
यह टनल हिमाचल प्रदेश के रोहतांग में बनाई गई है। उसकी लंबाई नौ किमी से ज्यादा है। यूजीसी ने उच्च शिक्षण संस्थानों को यह चिट्ठी उस समय लिखी है, जब हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने इस अनूठी टनल को देश को समर्पित किया है। साथ ही इंजीनियरिंग और उत्कृष्ट तकनीक से लैस इस टनल को बड़ी उपलब्धि बताते हुए इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को इसे जरूर देखने की सलाह भी दी थी।
खासबात यह है कि इस टनल का निर्माण करीब दस हजार फीट की ऊंचाई पर किया गया है। इसके निर्माण से मनाली और लेह के बीच की दूरी चार-पांच घंटे कम हो गई है। इसे रणनीतिक लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। हाल ही में बीआरओ ने अटल टनल में बिजली की 33 केवी लाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया है। इससे अटल टनल में अब दिन रात वाहनों की आवाजाही हो सकेगी।
उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे पत्र में यूजीसी ने कहा है कि छात्रों को कोविड से जुड़े गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए अटल टनल को देखने के लिए जाना चाहिए। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन ने इसे लेकर सभी विश्वविद्यालय और कालेजों से जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए है। माना जा रहा है कि इन टनल को देखते के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों को एक नई ऊर्जा मिलेगी।