तेल कुएं में आग से राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी समेत दो कर्मियों की मौत, पीएम ने दिया मदद का भरोसा
असम में तिनसुकिया जिले के बागजन तेल कुएं में लगी भीषण आग में ऑयल इंडिया लिमिटेड यानी ओआइएल के दो अग्निशमन कर्मियों की मौत हो गई है।
डिब्रूगढ़, पीटीआइ। असम में तिनसुकिया जिले के बागजन तेल कुएं में मंगलवार को लगी भीषण आग में ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआइएल) के दो अग्निशमन कर्मियों की मौत हो गई है। उनके शव बुधवार को घटनास्थल के नजदीक जलीय क्षेत्र से मिले। यह तेल कुआं पिछले 15 दिनों से अनियंत्रित तरीके से गैस उगल रहा है। आग से आसपास के जंगल, घर और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इससे आक्रोशित स्थानीय लोगों ने ओआइएल कर्मियों पर हमला कर दिया जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल है।
दो कर्मियों की मौत
ऑयल इंडिया लिमिटेड के प्रवक्ता त्रिदिव हजारिका ने बताया कि कुएं में आग लगने के बाद दो अग्निशमन कर्मी दुर्लोव गोगोई और टिकेश्वर गोहेन लापता हो गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने बुधवार सुबह उनके शवों को बरामद कर लिया। पहली नजर में लगता है कि वे पानी में कूद गए थे और डूब गए क्योंकि उनके शरीर पर जलने का कोई निशान नहीं है। मृत्यु की वास्तविक वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगी। दोनों कंपनी के अग्नि सेवा विभाग में असिस्टेंट ऑपरेटर थे। गोगोई जाने-माने फुटबॉल खिलाड़ी भी थे।
एक अग्निशमन कर्मी घायल
गोगोई ने अंडर-19 व अंडर-21 वर्ग के कई राष्ट्रीय टूर्नामेंट में असम का प्रतिनिधित्व किया था। वह ओआइएल की फुटबॉल टीम में गोलकीपर थे। आग पर काबू पाने के प्रयास में ओएनजीसी का एक अग्निशमन कर्मी मामूली रूप से घायल हुआ है। ओआइएल का कहना है कि आग बुझने में चार हफ्ते का समय लग सकता है। आग फैलने से रोकने की कोशिशों में ओआइएल के अग्निशमन दल के साथ-साथ सेना, वायुसेना, आइओसी और असम गैस कंपनी जुटे हैं। सिंगापुर की कंपनी अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल के तीन विशेषज्ञ भी सोमवार से मौके पर हैं।
पीएम मोदी ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात पर काबू पाने और पीडि़तों की सहायता के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सोनोवाल ने ही प्रधानमंत्री को फोन करके आग से उपजे हालात और उठाए गए आपात कदमों की जानकारी दी थी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मैंने पेट्रोलियम मंत्रालय से उनके परिवारों को समुचित मुआवजा देने का अनुरोध किया है क्योंकि उन्होंने ड्यूटी करते हुए अपना बलिदान दिया है। मैंने मंत्रालय से दोनों परिवारों के एक-एक सदस्य को रोजगार देने का अनुरोध भी किया है।'
नुकसान की होगी भरपाई
साथ ही उन्होंने कहा कि आसपास के गांवों में रहने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और उनके नुकसान का उचित मुआवजा दिया जाएगा। डिब्रू-सैखोवा नेशनल पार्क के नजदीक स्थित इस कुएं में आग से हुए नुकसान का आकलन करने की कोशिश की जा रही है। आग इतनी भीषण है कि 30 किमी दूर से उसके धुएं को देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे नेशनल पार्क को खतरा पैदा हो गया है। ओआइएल का कहना है कि 1,610 परिवारों को क्षेत्र से निकाल लिया गया है और उन्हें चार राहत शिविरों में रखा गया है। हालांकि वहां कोरोना गाइडलाइंस का पालन चुनौती बनी हुई है।