पश्चिम बंगाल में दो मार्क्सवादी कार्यकर्ताओं की हत्या, TMC पर आरोप
पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के मतदान के दौरान तीन लोगों जान गंवानी पड़ी है। सीपीआईएम ने तीनों हत्याओं के पीछे टीएमसी का हाथ बताया है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल चुनाव में खूनखराबा नया नहीं है। हर बार चुनाव के दौरान यहां किसी ना किसी का खून बहाया जाता है। इस बार भी विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में दो लोगों को जान गंवानी पड़ी है। घटना पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले की है। बर्दवान जिले में गुरुवार को तीसरे चरण का मतदान खत्म होने के बाद अपनी चुनावी ड्यूटी पूरी कर सीपीआईएम के कार्यकर्ता शेख फजले हक व दुखीराम दल अपने-अपने घरों के लिए वापस हो रहे थे। रास्ते में हथियारबंद हमलावरों ने दोनों को घेर लिया और पीट-पीट कर दोनों की हत्या कर दी। इस दोहरे हत्याकांड में अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। ठीक इसी दिन मुर्शीदाबाद के डोमकल में भी मतदान के दौरान एक मार्क्सवादी कार्यकर्ता की हमलावरों ने हत्या कर दी थी।
"सीपीआईएम कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे TMC"
सीपीआईएम ने पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले में चुनाव बाद हिंसा में अपने कार्यकर्ताओं की हत्या के पीछे टीएमसी का हाथ होना बताया है। सीपीआईएम के राज्य सचिव सूर्य कांत मिश्रा ने कहा कि टीएमसी की चुनाव में अस्तित्व खो देने की हताशा सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि हमारे कामरेडों की हत्या कर टीएमसी ने जता दिया है कि वे अंदर ही अंदर हार के डर से कांप रहे हैं। वहीं, टीएमसी ने सीपीआईएम के आरोपों को निराधार बताया है।
प्रधानमंत्री मोदी भी राज्य में थे मौजूद
संयोगवश जब राज्य में तीन-तीन हत्याओं को अंजाम दिया गया तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं मौजूद थे। मोदी ने चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि बंगाल में चुनाव हिंसा के लिए सुर्खियों में है। "अन्य राज्यों के विपरीत, केवल बंगाल में विधानसभा चुनाव में हत्या, मारपीट, बूथ लूट की घटनाएं सामने आ रही हैं। मोदी गुरुवार को हावड़ा में चुनावी रैली संबोधित कर रहे थे।
यह भी पढ़ेंः सूखे और बाढ़ प्रभावित तीन राज्यों के लिए केंद्र ने मंजूर किए 842 करोंड़ रुपए