सीजेआइ की मां के साथ ढाई करोड़ की धोखाधड़ी, आरोपित गिरफ्तार, एसआइटी कर रही मामले की छानबीन
पुलिस ने एसआइटी का गठन किया जिसमें आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी भी शामिल हैं। सीताबुलडी पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई और घोष से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने उसे 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
नागपुर, प्रेट्र। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआइ) शरद अरविंद बोबडे की मां के साथ ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले 10 सालों से उनकी पारिवारिक संपत्ति की देखरेख और पैसों का लेन-देन कर रहा था।
आरोपित घोष गिरफ्तार
नागपुर के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने बुधवार को बताया कि 49 वर्षीय घोष को मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया। नागपुर पुलिस का एक विशेष जांच दल (एसआइटी) डीसीपी विनीता साहू के नेतृत्व में मामले की छानबीन कर रहा है।
'सीडन लॉन' की देखरेख के लिए बोबडे परिवार ने घोष को 2007 में नियुक्त किया था
उन्होंने कहा कि सीजेआइ की मां मुक्ता बोबडे की आकाशवाणी चौक के पास 'सीडन लॉन' नाम से संपत्ति है। इसे शादी समारोह और अन्य आयोजनों के लिए किराए पर दिया जाता है। इसकी देखरेख के लिए बोबडे परिवार ने घोष को 2007 में नियुक्त किया था। उसे वेतन के साथ ही बुकिंग पर कमिशन भी दिया जाता था।
मुक्ता बोबडे के गिरते स्वास्थ्य का उठाया फायदा
उन्होंने कहा कि मुक्ता बोबडे की उम्र और गिरते स्वास्थ्य का फायदा उठाकर घोष ने कथित तौर पर लॉन की फर्जी रसीदें बनाईं और ढाई करोड़ रुपये का घपला किया। कोरोना महामारी के दौरान जब कई बुकिंग रद हुई और घोष ने लोगों को उनके पैसे वापस नहीं किए तब यह मामला उजागर हुआ। उन्होंने कहा कि घोष ने लॉन के किराए से मिला पूरा धन जमा नहीं कराया।
16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में आरोपित
फर्जीवाड़े मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने एक एसआइटी का गठन किया, जिसमें आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार की रात सीताबुलडी पुलिस थाने में एक एफआइआर दर्ज कराई गई और घोष से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने उसे 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।