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.और बढ़ी तकरार, नेतृत्व पर सीधा वार

विपक्ष में अलग-थलग होने के बाद भी कांग्रेस के तेवर बरकरार हैं। जबकि, सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि वह अब कांग्रेस को साथ लाने के लिए कोई नया प्रयास नहीं करेगी। राज्यसभा में सरकार ने जीएसटी विधेयक पेश कर आगे बढ़ने के संकेत दिए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2015 08:25 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2015 08:53 PM (IST)
.और बढ़ी तकरार, नेतृत्व पर सीधा वार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । विपक्ष में अलग-थलग होने के बाद भी कांग्रेस के तेवर बरकरार हैं। जबकि, सरकार ने भी संकेत दिए हैं कि वह अब कांग्रेस को साथ लाने के लिए कोई नया प्रयास नहीं करेगी। राज्यसभा में सरकार ने जीएसटी विधेयक पेश कर आगे बढ़ने के संकेत दिए। हालांकि, कांग्रेस के हंगामे के चलते विधेयक पेश होने के बाद राज्यसभा को अगले दिन तक स्थगित करना पड़ा। जबकि, लोकसभा में कांग्रेस आलाकमान की अगुवाई में तीखे प्रदर्शन के बावजूद सरकार ने सदन की कार्यवाही को चलाने के पूरे प्रयास किए। इस बीच तटस्थ माने जा रहे दलों ने भी कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए हैं।

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पुराने रुख पर कांग्रेस

मंगलवार को एक बार फिर कांग्रेस के सांसद लोकसभा में काली पट्टियां बांधे तख्तियों के साथ पहुंचे। जबकि, अपनी सीटों पर बैठी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल ने भी वेल में पहुंचे अपने सांसदों के उत्साह वर्धन के लिए नारे लगाए। करीब दो घंटे तक दोनों नेता कांग्रेस के विरोध को धार देते नजर आए। वहीं, सपा, जदयू और राजद के सांसदों ने जातीय जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने को लेकर हंगामा किया। हंगामे के कारण लोकसभा में ललित मोदी पर नियम 193 के तहत होने वाली चर्चा भी नही हो सकी।

भाजपा ने कसी कमर

संसद में कांग्रेस के रवैये को देखते हुए भाजपा ने भी कमर कस ली है। कांग्रेस को अलग-थलग करने व उसके विरोध की हवा निकालने के लिए पार्टी अब विपक्ष में नए दोस्त तलाश रही है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री ने कुछ लोगों पर अर्थव्यवस्था को रोकने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए, सदन चलाने में सरकार के सहयोग में आए दलों विशेषकर सपा प्रमुख मुलायम सिंह को धन्यवाद दिया। जीएसटी को लेकर तृणमूल कांग्रेस, एआईडीएमके, बीजद, सपा जैसे कई अन्य दल सरकार के साथ हैं।

जीएसटी पर तकनीकी पेंच

इस बीच जीएसटी विधेयक को अपना बता रही कांग्रेस इसके सीधे विरोध में आने के बजाय तकनीकी अड़ंगे लगा रही है। राज्यसभा में पार्टी के उप नेता आनंद शर्मा ने कहा कि, 'जीएसटी विधेयक पर चर्चा नहीं हो सकती, क्योंकि इस पर कार्य मंत्रणा समिति 'बीएसी' में विचार नहीं किया गया है। न ही इसका समय निर्धारित हुआ है। उन्होंने मंगलवार की संशोधित कार्यसूची में जीएसटी विधेयक को दर्ज किए जाने पर भी आपत्ति जताई।

तटस्थ दलों का हमला

इस बीच कांग्रेस के विरोध से आजिज तटस्थ माने जा रहे दलों ने कांग्रेस को अड़े हाथों लिया। प्रश्नकाल में बीजद सांसद पिनाकी मिश्रा ने पर्यावरण को लेकर अपने सवाल में जयंती टैक्स की बात कही, तो जवाब देने उठे पर्यावरण मंत्री ने आक्रामक अंदाज में कही पर निगाहें कही पर निशाना की तर्ज पर जवाब दिया। वहीं, बीजद नेता भर्तहरि महताब ने अपने सवाल से पहले भूमिका बांधते हुए सदन को बंधक बनाए जाने की बात कही। जबकि, फूड पार्क को लेकर भाजपा सासंद किरीट सोमैय्या के सवाल के जवाब में हरसिमरत कौर ने लंबा जवाब दिया जिसमें अमेठी फूड पार्क के न बन पाने के पीछे कांग्रेस उपाध्यक्ष व संप्रग सरकार के प्रयासों में कमी बताई गई।

झलकियां

कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर नारे लगा रहे कांग्रेसी सांसदों के लिए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले गला साफ करने की गोलियां लेकर आई। हंसीं-ठहाकों के बीच इसे लेने में कांग्रेसी सांसदों में होड़ देखी गई। बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से सुले रोज ही गला दुरुस्त करने वाली गोलियां लेकर आती हैं।

कांग्रेस से नाराज चल रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह की पार्टी जातिगत जनगणना को लेकर आक्रामक थी। ऐसे में उनकी पार्टी के सांसद भी वेल में नारेबाजी कर रहे थे। तभी कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया मुलायम की सांसद बहू डिंपल को वेल में आने के लिए आग्रह करने गए। शुरूआती झिझक के बाद मुलायम के निर्देश पर डिंपल भी कुछ देर वेल में खड़ी रहीं।

अपने लंबे संसदीय जीवन में बहुत सारे उतार चढ़ाव देख चुके और सामान्यतया बहुत संयत रहने वाले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी लगातार हो रही नारेबाजी, पोस्टरबाजी से उग्र हो गए। पहली सीट पर बैठे आडवाणी शोर-शराबे मे पास बैठे राजनाथ और वेंकैया नायडू से बात करते देखे गए। वह थोड़ा गुस्से में थे। फिर उठे और बाहर चले गए। इस बीच वह भाजपा के किसी सांसद को यह इशारा भी करते देखे गए कि जब विपक्ष का यह हाल है तो फिर तुम क्यों चुप हो।

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