अमेरिका के कुछ राज्य कर सकते हैं बड़ा उलट-फेर, इन राज्यों पर लगी है ट्रंप-बिडेन की निगाह
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी-अपनी जीत का दावा तो दोनों ही नेता कर रहे हैं लेकिन नतीजे आने से पहले इस बारे में कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी। ऐसे कुछ राज्य हैं जिनकी भूमिका भी काफी खास है।
नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान होना है। ऐसे में डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन और राष्ट्रपति और रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप की निगाह कुछ ऐसे राज्यों पर लगी है जो उनकी जीत की राह आसान कर सकते हैं। ऐसे में दोनों में से अमेरिका की सत्ता पर कौन काबिज होगा? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब अधिकतर जो बिडेन के पक्ष में मिल रहा है। विदेश मामलों के जानकार कमर आगा भी मानते हैं कि जो बिडेन फिलहाल ट्रंप से काफी आगे हैं। उनका मानना है कि अमेरिका के इस चुनाव में नस्लवाद का मुद्दा डेमोक्रेट काफी जोरशोर से उठा रहे हैं। कुछ ही दिन पहले एक अश्वेत नागरिक की हत्या समेत अन्य ऐसे ही दूसरे मामले ट्रंप पर भारी पड़ सकते हैं।
आगा के मुताबिक मौजूदा दौर में दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों को लेकर बेहद साफ बंटवारा दिखाई देता है। ट्रंप के लिए अमेरिका में आई आर्थिक मंदी, लोगों का बड़ी संख्या में बेरोजगार होना, नस्लवाद ऐसे मुद्दे हैं जिनका फिलहाल राष्ट्रपति के पास कोई जवाब नहीं है। आर्थिक समस्या की बात करें तो ये परेशानी वर्ष 2008 से ही अमेरिका में देखी गई है। ग्लोब्लाइजेशन का फायदा अमेरिका की मल्टीनेशनल कंपनियों को तो हुआ है लेकिन वहां के आम नागरिक को इसका फायदा नहीं मिल सका। इसकी वजह से ये परेशानी भी बढ़ती चली गई। मौजूदा समय में अमेरिका से कई बड़ी कंपनियां दूसरे देशों का रुख कर चुकी हैं। अमेरिका में जो कभी रोजगार का हब हुआ करता था वो भी खत्म हो गया है। उनका मानना है कि अमेरिका जब आर्थिक मंदी आती है तो वहां पर नस्लवाद की भी घटनाएं काफी बढ़ जाती हैं। नस्लवाद को मानने वाले लोगों की एक बड़ी संख्या ट्रंप का समर्थन करता है।
दोनों में से किसकी होगी जीत के सवाल पर आगा ने कहा कि मुमकिन है कि ट्रंप को बिडेन से कम वोट मिलें। लेकिन यदि वो कुछ राज्यों में अपनी बढ़त बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो वो बाजी मार सकते हैं। आपको यहां पर बता दें कि फ्लोरिडा, पेनसिलवेनिया, ओहायो, मिशीगन, एरिजोना और विस्कॉन्सिन राज्यों में पिछली बार ट्रंप ने बाजी मारी थी। हालांकि 2008 और 2012 में इन राज्यों में डेमोक्रेट प्रत्याशी जीते थे। हालांकि एरिजोना में रिपब्लिकन ने जीत हासिल की थी। अमेरिका की इलेक्शन एनालेटिक्स वेबसाइट के मुताबिक करीब 35 राज्य ऐसे हैं जहां पर दोनों प्रत्याशियों की कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। इनमें इन राज्यों के अलावा जिओर्जिया, इओवा, मिनिसोटा, नवादा, न्यूहैंपशायर, नॉर्थ कैरोलिना, टेक्सास, शामिल है।
आगा की निगाह में ट्रंप को मिलिट्री इंडस्ट्रियल कॉम्प्लैक्स से जुड़े लोगों का भी समर्थन हासिल है। इसकी वजह कहीं न कहीं ट्रंप की वो विचारधारा भी है जिसके तहत वो पूरी दुनिया में अमेरिकी हथियारों को बेचने में जुटे हैं। वो ईरान को भी सबक सिखाने की बात करते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका में आई गिरावट को इसके ही माध्यम से खत्म कर सकते हैं। आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने जब से सत्ता हासिल की है तभी से उन्होंने अमेरिका फर्स्ट और अमेरिकन फर्स्ट का नारा दिया है। उनका ये भी कहना है कि बिडेन को वहां पर पॉपुलर वोट काफी हासिल हो सकते हैं, लेकिन यदि ट्रंप कुछ राज्यों में बाजी मार लेते हैं तो वो बिडेन पर भारी पड़ सकते हैं। इनमें इलेक्ट्रोलर वोट भी शामिल हैं, जिनके माध्यम से अमेरिका में राष्ट्रपति चुना जाता है। पिछले चुनाव में ट्रंप के मुकाबले में मैदान में उतरी हिलेरी क्लिंटन को ट्रंप से अधिक पॉपुलर वोट हासिल हुए थे, लेकिन फिर भी वो ट्रंप से हार गईं थी।