भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग सम्मान, जानें किन राज्यों में मौजूद हैं ये तट
भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह पर्यावरण के क्षेत्र में भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को समूचे विश्व की मान्यता मिलने जैसा है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। पर्यावरण मंत्रालय ने बताया है कि भारत के आठ समुद्री तटों को प्रतिष्ठित 'ब्लू फ्लैग' सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया है। इसमें गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा समेत पांच राज्यों के तट शामिल हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि यह भारत के लिए बड़े सम्मान की बात है। यह पर्यावरण के क्षेत्र में भारत के संरक्षण और सतत विकास के प्रयासों को समूचे विश्व की मान्यता मिलना है।
मंत्रालय ने रविवार को बताया कि ब्लू फ्लैग से सम्मानित भारत के आठ समुद्री तट गुजरात का शिवराजपुर बीच, दियु का घोघला, कर्नाटक का कासरकोड व पदुबिद्री, केरल का कप्पड, आंध्र प्रदेश का रुषिकोंडा, ओडिशा का गोल्डन और अंडमान व निकोबार का राधानगर तट है। भारत को जूरी का तीसरा पुरस्कार तटीय क्षेत्रों में 'अंतरराष्ट्रीय सर्वश्रेष्ठ व्यवहार' के आधार पर दिया जाता है।
समुद्र तटों को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिए ब्लू फ्लैग कार्यक्रम को फ्रांस के पेरिस से शुरू किया गया था और लगभग दो साल के भीतर ही यूरोप के करीब सारे समुद्र तटों को इस तमगे से नवाज दिया गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि साफ-सुथरे समुद्री तट तटीय क्षेत्रों में अच्छे वातावरण की निशानी हैं और भारत के कई समुद्री तट दुनिया में सर्वश्रेष्ठ हैं। इंटरनेशनल कोस्टल क्लीन-अप डे 1986 से दुनिया के करीब 100 देशों में मनाया जाता है।
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट डेनमार्क की एक संस्था द्वारा दिया जाता है। पर्यावरण मंत्रालय ने भारत में 'ब्लू फ्लैग बीच' के मानकों के मुताबिक समुद्र तटों को विकसित करने का पायलट प्रोजेक्ट दिसंबर 2017 में शुरू किया था। ब्लू फ्लैग दुनिया का सबसे मान्यता प्राप्त व प्रतिष्ठित स्वैच्छिक इको लेबल अवार्ड है जो समुद्र तटों को दिया जाता है।
किसी भी देश के समुद्र किनारे बीच को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने के लिए वैसे तो कुल 33 स्टैंडर्ड तय किए गए हैं मगर उनमें से कुछ प्रमुख है। इसमें सबसे पहले पानी की गुणवत्ता के कुछ मानक होना, अपशिष्ट निपटान की सुविधा होना, प्राथमिक चिकित्सा उपकरण होना और पालतू जानवरों का तट पर प्रतिबंधित होना जैसे स्टैंडर्ड शामिल हैं। इनमें से कुछ मानदंड स्वैच्छिक हैं और कुछ अनिवार्य हैं।