एकल अभिभावक के रूप में बच्चों को गोद ले सकेंगे ट्रांसजेंडर, मिलेगी नि:शुल्क कोचिंग, मध्य प्रदेश सरकार ला रही नई नीति
सामाजिक भेदभाव का शिकार बनते आ रहे ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मध्य प्रदेश सरकार अब ट्रांसजेंडर नीति लेकर आ रही है। इसके तहत ट्रांसजेंडर को एकल अभिभावक के रूप में बच्चों को गोद लेने का अधिकार भी मिल सकेगा।
सुशील पांडेय, भोपाल। सामाजिक भेदभाव का शिकार बनते आ रहे ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए मध्य प्रदेश सरकार अब ट्रांसजेंडर नीति लेकर आ रही है। इसके तहत ट्रांसजेंडर को एकल अभिभावक के रूप में बच्चों को गोद लेने का अधिकार भी मिल सकेगा। इसके साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए राज्य सरकार उन्हें नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध कराएगी। नीति का मसौदा सामाजिक न्याय विभाग ने तैयार कर लिया है। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।
ट्रांसजेंडर (अधिकारों के संरक्षण) अधिनियम 2019 के क्रियान्वयन के लिए मध्य प्रदेश सरकार यह नीति बना रही है। इसमें जिलों में ट्रांसजेंडर्स कल्याण समिति की स्थापना की जाएगी और प्रदेश में ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की स्थापना होगी। बोर्ड में सामाजिक न्याय विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव, अन्य महत्वपूर्ण विभागों के प्रमुख सचिव, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठनों के लोग शामिल होंगे। राज्य बोर्ड रणनीति तैयार करेगा, जिसे जिला समिति द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। जिला समिति का नेतृत्व कलेक्टर करेंगे।
अधिकारियों के मुताबिक केरल और छत्तीसगढ़ में भी इस तरह की नीति लागू हो चुकी है। हालांकि इन राज्यों से मध्य प्रदेश की नीति थोड़ी अलग होगी। वहां ट्रांसजेंडर्स को विभिन्न सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए अंतिम अपीलीय अधिकारी कलेक्टर को बनाया गया है लेकिन मध्य प्रदेश में ट्रांसजेडर्स संभागीय आयुक्त से भी शिकायत कर सकेंगे। पढ़ाई के लिए विशेष प्रविधान नीति के तहत ट्रांसजेंडर बच्चों को स्कूली शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। इसके साथ ही हॉस्टल की सुविधाएं और विभिन्न पाठ्यक्रमों में उनके लिए कोटा तय किया जाएगा।
सामाजिक न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने बताया कि नई नीति जल्द ही आ जाएगी। ट्रांसजेंडर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए कई प्रविधान किए गए हैं। नई नीति में ट्रांसजेंडर अभिभावक के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निशुल्क कोचिंग भी कराई जाएगी। कोई भी ट्रांसजेंडर जिला मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन कर अपना पहचान पत्र बनवा सकेगा। यही नहीं ट्रांसजेंडर व्यक्ति को स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण और कर्ज दिलवाने में मदद की जाएगी। ट्रांसजेंडर पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले की तारीख 15 अप्रैल को ट्रांस डे भी मनाया जाएगा।