इसबार घने कोहरे में नहीं होंगी ट्रेनें लेट, यात्री नहीं होंगे परेशान, रेलवे ने बनाया ये प्लान
एफएसडी हर इंजन में लगाने का प्रावधान किया गया है। इसकी मदद से घने कोहरे में ड्राइवरों को आगे आने वाले सिग्नल की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी।
नई दिल्ली, एएनआइ। सर्दी का मौसम आ गया है। कुछ दिनों में कोहरा भी गिरने लगेगा। उसके बाद शुरू हो जाएगी ट्रेनों की लेट-लतीफी, जैसा कि हर साल होता है, लेकिन इस बार घने कोहरे में भी ट्रेनें लेट न हों और यात्रियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए रेलवे ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। इसको लेकर एक कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।
एक घंटे से ज्यादा ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मिलेगी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर सूचना
रेलवे की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि अगर कोई ट्रेन एक घंटे से ज्यादा विलंब होगी तो उसके यात्रियों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर इसकी पूर्व सूचना दी जाएगी।
स्टेशनों पर देर समय तक खुले रहेंगे खाने-पीने के सामान वाले स्टाल
रेलवे स्टेशनों पर खाने-पीने के सामान बेचने वाले स्टाल भी देर तक खुलेंगे और भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा से जुड़े मसलों से निपटने के लिए रेलवे सुरक्षा बल के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया जाएगा।
रात में होगी रेल पटरियों की जांच
रेलवे ने ट्रेन की सुरक्षा को लेकर भी योजना तैयार की है। इसमें समय-समय पर रेल पटरियों की जांच की जाएगी, ताकि उसमें किसी तरह की टूट का समय रहते पता लगाया जा सके, खासकर रात में।
पेट्रोलिंग स्टाफ को मिलेंगे जीपीएस युक्त ट्रैकिंग उपकरण
प्रेस नोट के मुताबिक लाइन पेट्रोलिंग स्टाफ को जीपीएस युक्त ट्रैकिंग उपकरण मुहैया कराए जाएंगे, जिससे कि वह हर समय नजदीकी स्टेशन के संपर्क में बने रहें।
जीपीएस आधारित फॉग सेफ्टी डिवाइस हर इंजन में लगेगा
जीपीएस आधारित फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) हर इंजन में लगाने का प्रावधान किया गया है। इसकी मदद से घने कोहरे में ड्राइवरों को आगे आने वाले सिग्नल की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी। सिग्नल को भी जीपीएस के साथ जोड़कर अपग्रेड किया जा रहा है।
स्टेशन मास्टर को उपकरण से कोहरे की मिलेगी ताजी जानकारी
स्टेशन मास्टर को ऐसे उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे, जिससे वो इसका आकलन कर सकेंगे कि स्टेशन और उसके आस-पास के क्षेत्र में कोहरा कितना घना है। ड्राइवरों को भी घने कोहरे में ट्रेन चलाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।