सुरक्षा एजेंसियों ने खोली पाक की पोल, कश्मीरी युवाओं को तुर्की में दी जा रही दुष्प्रचार की ट्रेनिंग
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों इराक सीरिया व अन्य देशों में हिंसा के वीडियो और फोटो को कश्मीर में सुरक्षा बलों की ज्यादती के रूप में इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया था।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। तुर्की कश्मीर को लेकर भारत विरोधी दुष्प्रचार के नए केंद्र के रूप में सामने आया है। स्टूडेंट वीजा पर तुर्की गए कश्मीरी लड़कों के इंटरनेट मीडिया पर भारत विरोधी दुष्प्रचार में शामिल होने के सुबूत मिलने के बाद केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। ऐसे कई छात्रों की पहचान की जा चुकी है और सुरक्षा एजेंसियां उनका पासपोर्ट रद करने के लिए विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने की तैयारी में हैं।
सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों इराक, सीरिया व अन्य देशों में हिंसा के वीडियो और फोटो को कश्मीर में सुरक्षा बलों की ज्यादती के रूप में इंटरनेट मीडिया पर जारी किया गया था। जब उनकी जांच की गई तो पता चला कि ये सभी तुर्की में फर्जी इंटरनेट मीडिया अकाउंट से अपलोड किए गए थे। बाद में इन अकाउंट के पीछे वहां पढ़ने वाले कुछ कश्मीरी युवाओं के होने के सुबूत मिले। अभी तक ऐसे लगभग आधा दर्जन युवाओं की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी चल रही है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सबसे पहले भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाने वाले युवाओं का पासपोर्ट निरस्त कराया जाएगा और इसके लिए जल्द ही वे विदेश मंत्रालय को पत्र लिखने वाले हैं। पासपोर्ट निरस्त होने के बाद भारत आने की स्थिति में उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान ने तुर्की को तैयार करने का फैसला किया
दरअसल आतंकी फंडिंग को लेकर एफएटीएफ की कड़ी निगरानी और भारतीय एजेंसियों की पैनी नजर के कारण पाकिस्तान के लिए भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाना मुश्किल साबित हो रहा था। सुरक्षा एजेंसियों की कड़ाई के कारण पाकिस्तान जाने वाले कश्मीरी युवाओं की संख्या भी नगण्य हो गई है। पाकिस्तान में केवल वही कश्मीरी युवा जा रहे हैं, जिनका एडमिशन पहले हो चुका है। पाकिस्तान में बढ़ती मुश्किलों के बाद आइएसआइ ने कश्मीरी युवाओं को भारत विरोधी गतिविधियों में धकेलने के लिए नए केंद्र के रूप में तुर्की को तैयार करने का फैसला किया।
भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाने के लिए दी जा रही ट्रेनिंग
कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का खुलकर साथ देने वाले तुर्की ने भी कश्मीरी छात्रों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में स्टूडेंट वीजा पर तुर्की जाने वाले युवाओं की सूची तैयार की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे युवाओं की संख्या अच्छी खासी हो गई है, जो लगातार बढ़ रही है। अभी यह भी साफ नहीं है कि पढ़ाई के लिए तुर्की जाने वाले कश्मीरी युवाओं का खर्च उनका परिवार उठाता है या फिर उनकी फं¨डग कहीं बाहर से होती है। इसके साथ ही यह पता लगाया जा रहा है कि भारत विरोधी दुष्प्रचार चलाने के लिए कश्मीरी युवाओं को ट्रेनिंग कौन लोग दे रहे हैं?
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस बात की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कश्मीर के अलावा देश के दूसरे भागों से तुर्की गए युवाओं को भारत विरोधी दुष्प्रचार की ट्रे¨नग दी जा रही है। इसके लिए विशेष सावधानी बरतने और तुर्की जाने वाले युवाओं पर विशेष नजर रखने की जरूरत है। यदि शुरुआत में ही इस पर काबू पा लिया गया तो भविष्य में इसको विकराल रूप धारण करने से रोका जा सकता है।
आइएसआइ की नई साजिश का है अहम हिस्सा
ध्यान देने की बात है कि पाकिस्तान लंबे समय से पढ़ाई के लिए वजीफा की आड़ में कश्मीरी युवाओं को बरगलाने की साजिश करता रहा है। इसके तहत सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने वाले कश्मीरी व्यक्ति के बच्चों के लिए पाकिस्तानी शिक्षण संस्थाओं में सीटें सुरक्षित रखी जाती थीं और हुर्रियत कांफ्रेंस की सिफारिश पर उनका नामांकन होता था। बाद में हुर्रियत नेताओं द्वारा लाखों रुपये की रिश्वत लेकर ऐसे सिफारिशी पत्र लिखने का पता चला था। माना जा रहा है कि तुर्की की ओर से कश्मीरी युवाओं को बड़ी संख्या में स्टूडेंट वीजा जारी करना आइएसआइ की नई साजिश का हिस्सा है।