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मॉस्को में भारतीय वायुसेना के चार पायलटों का प्रशिक्षण शुरू, गगनयान के लिए हो रही खास तैयारी

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक अधिकारी ने बताया कि जिन चार पायलटों का चयन किया गया है अभी उनका पद और नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 11 Feb 2020 07:50 PM (IST)Updated: Tue, 11 Feb 2020 07:51 PM (IST)
मॉस्को में भारतीय वायुसेना के चार पायलटों का प्रशिक्षण शुरू, गगनयान के लिए हो रही खास तैयारी
मॉस्को में भारतीय वायुसेना के चार पायलटों का प्रशिक्षण शुरू, गगनयान के लिए हो रही खास तैयारी

बेंगलुरु, आइएएनएस। रूस की राजधानी मॉस्को स्थित गैगरीन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (GCTC) में इसरो के पहले मानव मिशन गगनयान के लिए भारतीय वायुसेना के चार पायलटों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है। 2022 में पृथ्वी की कक्षा में यह अंतरिक्ष यान चक्कर लगाएगा। इसी मिशन के लिए भारतीय पायलटों को अंतरिक्ष यात्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 

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भारहीनता मोड का भी होगा प्रशिक्षण 

एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि एक साल चलने वाले इस प्रशिक्षण में बायोमेडिकल, शारीरिक अभ्यास, मानव मिशन ले जा चुके रूसी अंतरिक्ष यान सोयुज का अध्ययन और विशेष यान इल्यूशिन-76 एडीके में भारहीनता मोड का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 

पायलटों की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक अधिकारी ने बताया कि जिन चार पायलटों का चयन किया गया है, अभी उनका पद और नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। भारतीय वायुसेना के इन पायलटों को एक हफ्ते तक माइक्रो-ग्रैविटी में रहने और बायो साइंस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। रूसी लांच सर्विस प्रोवाइडर ग्लावकॉसमास के अनुसार कुल 12 महीने सुनियोजित तरीके से ट्रेनिंग प्रोग्राम चलेगा। 

इसरो से हुए करार के तहत प्रशिक्षण 

ग्लावकॉसमास की वेबसाइट पर जारी बयान में बताया गया कि गैगरीन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (GCTC) ने इसरो से हुए करार के तहत सोमवार को प्रशिक्षण कार्य शुरू कर दिया है। अधिकांश प्रशिक्षण को जीसीटीसी में ही अंजाम दिया जाएगा। ग्लावकॉसमास के अनुसार 12 महीने के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को  विभिन्न् मौसमों और भौगोलिक क्षेत्रों में असामान्य लैंडिंग होने के हालात में सुरक्षित आने का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। 


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