गंगनयान मिशन के लिए चारों अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में प्रशिक्षण फिर शुरू
गगनयान मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे भारत के 75वें स्वतंत्रता वर्ष में 2022 में छोड़े जाने की योजना है।
बेंगलुरु, प्रेट्र। भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चयनित चार अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में फिर प्रशिक्षण शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी के चलते इनके प्रशिक्षण को रोक दिया गया था। इस साल 10 फरवरी को इनका प्रशिक्षण शुरू हुआ था।
भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को रूस में 12 मई से दोबारा प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया
रूसी अंतरिक्ष निगम रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा है कि भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को 12 मई से दोबारा प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया है। गैगरीन रिसर्च एंड टेस्ट कॉस्मोनाट्स सेंटर (जीसीटीसी) ने ग्लैवकोस्मोस, जेएससी (स्टेट स्पेस कॉरपोरेशन रोस्कोस्मोस) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ह्यूमैन स्पेसफ्लाइट सेंटर के बीच हुए समझौते के मुताबिक प्रशिक्षण देना शुरू किया है।
चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत बेहतर
चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत बेहतर बनी हुई है। जीसीटीसी के सभी केंद्रों में महामारी के प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। स्वच्छता और सैनिटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
शारीरिक दूरी बनाए रखने के मानकों का भी पालन किया जा रहा
शारीरिक दूरी बनाए रखने के मानकों का भी पालन किया जा रहा है और अनधिकृत लोगों के सेंटर में प्रवेश पर पाबंदी है। सभी कर्मचारियों और अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मास्क और ग्लव्स पहनना अनिवार्य बनाया गया है।
चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को मास्को में प्रशिक्षण दिया जा रहा है
रोस्कोस्मोस ने तिरंगा लगे ड्रेस पहने अंतरिक्ष यात्रियों का फोटो भी ट्वीट किया है। चारों भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को मास्को में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और सबकुछ ठीक रहा तो ये लोग ही गगनयान में जाएंगे।
गगनयान मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी
गगनयान मिशन पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे भारत के 75वें स्वतंत्रता वर्ष में 2022 में छोड़े जाने की योजना है।
आठ महीने के आइसोलेशन के लिए नासा कर रहा अमेरिकियों की तलाश
मंगल और चंद्रमा पर जाने वाले मिशन की तैयारी के मद्देनजर नासा सोशल आइसोलेशन के आठ महीने के अध्ययन के लिए अमेरिकी नागरिकों की तलाश कर रहा है। इन प्रतिभागियों को ना केवल मास्को स्थित लैब में रहना होगा बल्कि ये उसी तरह के पर्यावरणीय पहलुओं का अनुभव करेंगे, जो भविष्य में मंगल पर जाने वाले चालक दल के सदस्य करेंगे।
स्वस्थ व्यक्तियों की तलाश
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी अपने अगले स्पेसफ्लाइट सिमुलेशन स्टडी के लिए 30 से 55 वर्ष के बीच के ऐसे स्वस्थ व्यक्तियों की तलाश कर रहा है, जो अंग्रेजी और रूसी दोनों में धाराप्रवाह बात कर सकें। इनके पास एमएस, पीएचडी, एमडी और मिलिट्री ट्रेनिंग आफिसर की डिग्री होना भी अनिवार्य है। हालांकि नासा ने स्नातक की डिग्री, सैन्य या पेशेवर अनुभव रखने वालों के आवेदन पर भी विचार करने का आश्वासन दिया है। आइसोलेशन के दौरान ये लोग उसी तरह के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक प्रभावों का अध्ययन करेंगे, जैसे अंतरिक्ष यात्री करते हैं।