Move to Jagran APP

देश में बच्चों की देशद्रोही फौज तैयार कर रहे हैं आतंकी संगठन! बच्‍चों की तस्‍करी में खुलासा

इन बच्चों को अच्छी शिक्षा व भोजन के नाम पर झारखंड से दक्षिण भारत के राज्यों में ले जाया जाता है, जहां उन्हें केवल इस्लाम की तालीम दी जाती है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Thu, 19 Jul 2018 12:31 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 12:31 PM (IST)
देश में बच्चों की देशद्रोही फौज तैयार कर रहे हैं आतंकी संगठन! बच्‍चों की तस्‍करी में खुलासा
देश में बच्चों की देशद्रोही फौज तैयार कर रहे हैं आतंकी संगठन! बच्‍चों की तस्‍करी में खुलासा

रांची [ दिलीप कुमार ] । झारखंड में सक्रिय आतंकियों से संबद्ध संस्था प्रतिबंधित पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में बच्चों की तस्करी का खुलासा हुआ है। इन बच्चों को अच्छी शिक्षा व भोजन के नाम पर झारखंड से दक्षिण भारत के राज्यों में ले जाया जाता है, जहां उन्हें केवल इस्लाम की तालीम दी जाती है। जिन राज्यों में बच्चों को ले जाया गया है, ऐसे राज्यों में पूर्व में आतंकी संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की गहरी पैठ रही है।

loksabha election banner

अब यह आशंका प्रबल हो रही है कि कहीं देश-विरोधी ताकतें अपने ही देश में बच्चों की देशद्रोही फौज तो नहीं खड़ी कर रही है। यह सूचना झारखंड पुलिस मुख्यालय में भी पहुंची है, इनपुट एकत्रित किया जा रहा है, ताकि कारगर कार्रवाई की जा सके।

24 मई, 2014 को केरल में पटना-एर्नाकुलम एक्सप्रेस से रेस्क्यू हुए थे 456 बच्चे

केरल के पलक्कड़ रेलवे जंक्शन पर 24 मई 2014 को आरपीएफ के जवानों ने पटना-एर्नाकुलम एक्सप्रेस से जा रहे 456 बच्चों को रेस्क्यू किया था। इन बच्चों की उम्र तब छह से 14 वर्ष के आसपास थी। इन बच्चों में बिहार व झारखंड के 182 बच्चे थे। इनमें सर्वाधिक बच्चे गोड्डा जिले के थे। छानबीन में खुलासा हुआ था कि ये बच्चे केरल के कालीकट स्थित मुक्कम के यतीमखाना में रहकर पढ़ाई करते हैं और गर्मी की छुट्टी बिताने के बाद मुक्कम लौट रहे थे कि आरपीएफ ने पकड़ा था। बिहार व झारखंड के 182 बच्चों के पास मुक्कम मुस्लिम ओरफेंज के पहचान पत्र थे। वे पटना-एरनाकुलम एक्सप्रेस में पटना के समीप बाधपुर से चढ़े थे। उन्हें वहां शिक्षा व भोजन देने के नाम पर ले जाया गया था।

तेलंगाना ले जाए जा रहे 84 बच्चों ने किया था खुलासा, पढ़ते हैं सिर्फ कुरान

पिछले हफ्ते बोकारो रेलवे स्टेशन पर तेलंगाना ले जाए जा रहे 84 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे। इनमें 77 जामताड़ा, एक धनबाद, तीन गिरिडीह और तीन देवघर के थे। बाल कल्याण समिति बोकारो के अध्यक्ष डा. विनय कुमार सिंह ने जब बच्चों से बात की तो यह खुलासा हुआ बच्चों को तेलंगाना के मदरसे में अंग्रेजी के अलावा गणित व कुरान की पढ़ाई तथा मुफ्त में भोजन देने के नाम पर ले जाया जा रहा था।

इससे इतर बच्चों ने खुलासा किया कि उन्हें केवल कुरान पढ़ाया जाता है, अंग्रेजी व गणित नहीं। तब पुलिस-प्रशासन को शक हुआ और उन्हें ले जाने वाले तीन मौलवी व एक रसोइया को गिरफ्तार किया। जिन्हें गिरफ्तार किया गया, उनमें बोरवा जामताड़ा निवासी शमशेर, गुलाम रसूल, मो. मुस्लिम और तरोकाजोरी जामताड़ा निवासी लाल मोहम्मद शामिल हैं।

पीएफआइ प्रभावित जिलों के ही सर्वाधिक बच्चे हुए हैं रेस्क्यू

दक्षिण भारत के राज्यों में जाने वाले जिन बच्चों को अब तक रेस्क्यू किया गया है, उनमें सर्वाधिक बच्चे, गोड्डा, जामताड़ा जिलों से संबद्ध हैं। ये जिले पीएफआइ प्रभावित हैं। पाकुड़, साहिबगंज, गोडडा, जामताड़ा आदि जिलों में पीएफआइ की गतिविधियों की सूचना बीच-बीच में खुफिया एजेंसी को मिलती रही है। इस संगठन को आतंकियों के स्लीपर सेल के रूप में जाना जाता है। इस संगठन पर जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ साठगांठ कर देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने का भी आरोप है। इसे झारखंड सरकार ने इसी वर्ष प्रतिबंधित किया है।

अलकायदा आतंकी अब्दुल रहमान कटकी के मदरसे में झारखंड के 60 बच्चे मिले

ओडिशा के कटक से गिरफ्तार अलकायदा के आतंकी अब्दुल रहमान कटकी के मदरसे में पढ़ने वाले 70 बच्चों में से 60 झारखंड के थे। कटकी झारखंड के विभिन्न जिलों में आयोजित होने वाले धार्मिक प्रवचनों में शामिल होता था और लोगों का ब्रेन वाश कर अपने मदरसे के लिए यहां से बच्चों को पढ़ाने के नाम पर ले जाता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.